INDORE. उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती का मामला आखिर मंगलवार को अंतरिम तौर पर सुलझ गया। जबलपुर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने इस मामले में सुनवाई की और डीपीआई के पक्ष को मंजूर करते हुए अंतरिम राहत दी और ज्वाइनिंग लेटर जारी करने की मंजूरी दे दी। हालांकि यह प्रक्रिया अंतिम आदेश के अधीन रहेगी। जो भी अंतिम आदेश होगा, उसी के तहत फिर आगे इसमें फैसला होगा। अगली सुनवाई 12 नवंबर को संभावित है। डीपीआई एक-दो दिन में ही 3198 शिक्षकों को जॉइनिंग लेटर जारी कर सकता है। केवल औपचारिक आर्डर का इंतजार किया जा रहा है।
स्कूलों को मिल सकेंगे शिक्षक
इस प्रक्रिया के बाद अब स्कूलों को शिक्षक मिल सकेंगे। डीपीआई ने वर्ग 1 के शिक्षकों की भर्ती की पूरी प्रक्रिया कर ली थी लेकिन 27 जून 2024 को हाईकोर्ट के मौखिक आदेश के बाद इनकी जॉइनिंग रुक गई। इस मामले में 19 सिंतबर को भी सुनवाई में डीपीआई ने जॉइनिंग देने की मांग रखी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद मंगलवार 15 अक्टूबर को इसमें सुनवाई हुई। जिसमें एडिशनल एडवोकेट जनरल जाहन्वी पंडित ने शासन का पक्ष रखते हुए जॉइनिंग दिए जाने की बात रखी। जिसे सशर्त मंजूर कर लिया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर और अधिवक्ता अभिषेक दिलराज ने पक्ष रखा। रिट अपील 819/24 केस नंबर है।
यह है मामला
डीपीआई ने इस मामले में पहले भी तर्क रखे हुए हैं कि केंद्र के ईडब्ल्यूएस पदों को लेकर भी साफ है कि यह कैरी फारवर्ड नहीं हो सकते हैं, ऐसे में साल 2018 की भर्ती पदों के कारण साल 2023 की भर्ती को नहीं रोका जाए और जॉइनिंग की मंजूरी दी जाए। लेकिन इस पर आपत्ति लगी कि नहीं यह पद भर जाएंगे तो फिर पुराने पात्र का क्या होगा और फिर से रिवर्स प्रोसीजर करना होगी। इन दलीलों के कारण यह नियुक्ति रुकी थी।
यह है EWS केस
दरअसल, यह केस 848 ईडब्ल्यूएस के पदों को लेकर साल 2018 की भर्ती परीक्षा का है। जब परीक्षा नोटिफिकेशन आया तब यह EWS पद नहीं थे, लेकिन बाद में इसका नोटिफिकेशन हुआ। इसमें पहली काउंसलिंग में तो इन पदों पर भर्ती हो गई, लेकिन बाद में दूसरी काउंसलिंग में विवाद हुआ और कुछ लोगों ने यह विरोध किया कि जब नोटिफिकेशन के समय यह पद नहीं थे तो भर्ती नहीं होना चाहिए। विवाद कोर्ट में गया जिसमें 23 फरवरी 2024 को जस्टिस ने आदेश दिए कि इसमें पात्रता परीक्षा में 75 अंक लाने वालों की मेरिट बनाने की प्रक्रिया करने और तब तक भर्ती पर रोक के लिए कहा।
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डीपीआई चला गया अपील में
इस आदेश के खिलाफ DPI अपील में चला गया। उधर, अन्य याचिकाकर्ता भी चले गए। इस तरह इस केस को लेकर चार याचिकाएं जबलपुर हाईकोर्ट में चल रही है। इसमें सुनवाई के दौरान लिखित में तो नहीं लेकिन मौखिक तौर पर निर्देश दिए गए कि सिंगल बेंच के ऑर्डर पर यथास्थिति बनाए रखिएगा। इसके बाद शासन ने भर्ती परीक्षा 2023 में पास हुए उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन के काम तो करा लिए, लेकिन ज्वाइनिंग लेटर देना रोक लिया। तभी से यह ज्वाइनिंग रुकी हुई है।
डीपीआई कोर्ट में जवाब दे चुका अब 2018 की कोई भर्ती नहीं बची
उधर, डीपीआई आयुक्त शिल्पा गुप्ता तो कोर्ट में जुलाई 2024 की सुनवाई के दौरान लिखित में दे चुकी है कि वर्तमान में 2018 की भर्ती परीक्षा को लेकर किसी तरह की भर्ती नहीं बची है। ऐसे में अब कोर्ट को तय करना है कि 848 ईडब्ल्यूएस भर्ती का क्या किया जाना है और जो 2023 की भर्ती रूकी पड़ी है इसमें आगे क्या किया जाना है।
इस केस में इनकी रही भूमिका
साल 2023 के चयनित शिक्षक रोबिन अग्रवाल, विक्रम चतुर्वेदी, शिवेंद्र पाण्डेय, हरी वर्मा, राहुल परदेशी समेत एक दर्जन अभ्यर्थियों द्वारा इंटरवीनर बन कर 2023 भर्ती पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विनय जैन की खण्डपीठ ने सुनवाई की। सीनियर एडवोकेट मनोज शर्मा, सीनियर एडवोकेट शशांक शेखर, एडवोकेट अभिषेक दिलराज, एडवोकेट लावण्या वर्मा, एडवोकेट शमरेश कटारे ,एडिशनल एडवोकेट जनरल जाह्नवी पण्डित ने WA 819/2024 में पैरवी की।
FAQ
1. क्या हुआ है इस भर्ती मामले में?
इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती के लिए ज्वाइनिंग लेटर जारी करने की मंजूरी दी है, जिससे 3198 शिक्षकों को ज्वाइनिंग मिल सकेगी। हालांकि, यह प्रक्रिया हाईकोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन है।
2. अगली सुनवाई कब होगी?
अगली सुनवाई 12 नवंबर 2024 को संभावित है, जब इस मामले पर आगे की जानकारी दी जाएगी।
3. भर्ती में क्या समस्या थी?
भर्ती में समस्या ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) पदों को लेकर विवाद थी। कुछ उम्मीदवारों ने आपत्ति जताई थी कि भर्ती के समय ये पद नहीं थे, जिससे ज्वाइनिंग की प्रक्रिया रुकी हुई थी।
4. डीपीआई ने क्या कहा?
डीपीआई ने कोर्ट में तर्क दिया है कि 2018 की भर्ती के पदों के कारण 2023 की भर्ती को नहीं रोका जाना चाहिए, और ज्वाइनिंग देने की मांग की थी।
5. क्या यह प्रक्रिया अंतिम है?
नहीं, यह प्रक्रिया केवल अंतरिम राहत है। अंतिम निर्णय के लिए हाईकोर्ट का आदेश आना बाकी है, जिसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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