मध्यप्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के द्वारा लगाई गई जनहित याचिका में सोमवार 29 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की स्पेशल बेंच में हुई सुनवाई में कोर्ट के द्वारा दिए निर्देश के बाद अब अनसूटेबल पाए गए नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को सूटेबल नर्सिंग कॉलेज में स्थानांतरित किया जाएगा।
एनरोलमेंट जारी करने कोर्ट ने दिया निर्देश
इस मामले में याचिकाकर्ता और व्हिसल ब्लोअर अधिवक्ता विशाल बघेल ने बताया कि युगल पीठ में इस मामले की सुनवाई में कोर्ट के द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि सत्र 2021-22 और 2022-23 के नर्सिंग पाठ्यक्रमों में अध्यनरत छात्रों को एनरोलमेंट जारी कर परीक्षा में शामिल किया जाए। सीबीआई के जांच में जो कॉलेज अनसूटेबल पाए गए थे उनके छात्रों के एनरोलमेंट जारी कर परीक्षा में सम्मिलित करने के निर्देश मेडिकल यूनिवर्सिटी को दिए गए हैं ।
169 कॉलेज पाए गए थे सूटेबल
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को अपनी अंतिम स्थिति रिपोर्ट में, सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों की सूची प्रस्तुत की थी। जिसमें कहा गया था कि उसने अपनी जांच में उनमें से अधिकांश को 'उपयुक्त' पाया, जबकि कुछ में 'मामूली कमियां' थीं। इसने 73 नर्सिंग कॉलेजों को 'अपूर्ण' और 66 को 'अनुपयुक्त' के रूप में पहचाना। हालांकि नर्सिंग कॉलेज की हो रही प्रारंभिक जांच में सीबीआई की ही सतर्कता इकाई ने कुछ नर्सिंग कॉलेज मालिकों और शुरुआती जांच में शामिल अपने ही कुछ अधिकारियों के बीच कथित रिश्वतखोरी के सौदे को पकड़ा था। रिश्वतखोरी से जुड़ी एफआईआर में नामजद सीबीआई के दो इंस्पेक्टर मध्य प्रदेश पुलिस के हैं। सीबीआई ने इंस्पेक्टर राहुल राज को बर्खास्त कर दिया है। लेकिन सरकार की ओर से अभियोजन पूर्व स्वीकृत न मिलने के कारण इन भ्रष्ट अधिकारियों पर अभी मामला नहीं चल रहा है और अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ मिल चुका है।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें