भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय( RGPV ) में बड़ा घोटाला मामला सामने आया था, जिसकी पुरी तरीके से स्पष्ट जांच नहीं हो पाई है। इसको लेकर अभाविपा के कार्यकर्ता पहले भी उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को ज्ञापन सौंपे थे। उसमें अभाविपा के कार्यकर्ताओं की मांग थी की इस घोटाले की स्पष्ट जांच कराई जाए । इस जांच के लिए CBI ने तक्नीकी शिक्षा विभाग से एक प्रतिनिधि की मांग की थी। जिस पर तक्नीकी शिक्षा विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया, जिसकी मांग अब एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने दोबारा की है। इसके साथ ही अन्य मांगों को लेकर अभाविपा के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री के बंगले का घेराव किया।
क्या हैं ABVP की मांगें
1- RGPV में हुए भष्टाचार की स्पष्ट जांच कराई जाए :- RGPV घोटाले को उजागर करने में एबीवीपी का बाड़ा योगदान है। बीते कई महीनों से अभाविपा के कार्यकर्ता इस घोटाले को अन्जाम देने वाले लोगों को जेल भेजने और घोटाले की स्पष्ट जांच के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। RGPV की जमीन कई अन्य लोंगो , संस्थान ( RKDF UNIVERSITY ) के नाम कर दी गई है। साथ ही कई भर्ती भी की गई हैं, जो गलत है। एबीवीपी ने तक्नीकी शिक्षा मंत्री से ये मांग की है की इस विषय पर कमेटी गठित कर कार्रवाई की जाए।
2- MP ONLINE PORTAL :- एबीवीपी का कहना है की MP ONLINE PORTAL जो की अपनी वेबसाइट पर लिखता है 'सरकार का पोर्टल' वो सरकार का है ही नहीं तो वो ऐसा क्यो लिखता है। साथ ही अभाविपा ने पर्दाफाश किया है कि MP ONLINE PORTAL का सरकार से एमओयू साइन हुआ था। जिसमें ये लिखा हुआ था की जो फीस विद्यार्थी फार्म भरने में देगा वो फीस पहले सरकार के खाते में जाएगी फिर उससे सरकार अपना हिस्सा लेकर बकाया पैसा वापस करेगी । लेकिन ऐसा कुछ होता ही नहीं जिससे सरकार को लगभग 18 करोड चूना लगा है। एबीवीपी ने मांग करी है कि सरकार इन पैसों का भुगतान करे क्योकी वो पैसे विद्यार्थीयों का हैं।
3- INDORE DAVV में हुआ पेपर लीक मामला :- इंदौर की DAVV विश्वविद्यालय में पेपर लीक का मामला पिछले दिन सामने आया था जिसको लेकर एबीवीपी ने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया था। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशाशन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जिससे छात्र नाराज हैं। ऐसे कई विषय हुए है जिससे वहाँ पदस्त कुलपति की कार्य क्षमता और निर्णय ना ले पाने को लेकर सवाल खड़े कर दिए है और विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करनी की मांग की है। इस धारा में कुलपति यानी कुलगुरू को मप्र शासन हटाने का प्रस्ताव पास करता है।