BHOPAL. मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा के सिलेबस में विनायक दामोदर सावरकर ( Vinayak Damodar Savarkar ) के बारे में पढ़ाया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ( Inder Singh Parmar ) ने कहा कि विदेशी आक्रांता अकबर को महान बताया गया, लेकिन महाराणा प्रताप को नहीं। आजादी में एक ही परिवार का गुणगान हुआ है। वीर सावरकर जैसे निडर का जिक्र तक नहीं हुआ, जिन्हें दो बार आजीवन सजा मिली। इतिहास के पन्नों में ऐसे लुटेरों और आक्रमणकारियों को जगह दे दी गई, जिन्होंने देश के लिये कुछ नहीं किया। उनका गुणगान हुआ। परमार ने आगे कहा, गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटे जिनको 7 साल और 9 साल की उम्र में दीवार में चुनवा दिया गया था। उनका इतिहास के पन्नों पर किताब में पढ़ाने की कोशिश कांग्रेस ने नहीं की। वह बच्चे 7 साल और 9 साल की उम्र में देश के लिए बलिदान देते हैं। इतिहास में हमारे देश को गरीब बताया गया,जबकि हमारा देश सम्पन्न था तभी तो लुटेरे आए थे।
कांग्रेस ने पढ़ाया गलत इतिहास : इंदर सिंह परमार
परमार ने आगे कहा कि इतिहास के पन्नों पर महाराणा प्रताप को महान नहीं लिखा गया। अकबर को महान लिखा गया। अकबर भारत के लिए महान कैसे हो सकता है वह तो विदेशी लुटेरा था। कांग्रेस की सरकार में पूरा यही इतिहास पढ़ाया गया। उनके राज्यों का बखान किया गया। इतिहास को अंग्रेजों ने खराब किया। फिर कांग्रेस ने इसी गलत इतिहास को पढ़ाने का काम किया।
कांग्रेस ने सावरकर को उपेक्षित किया
परमार ने सावरकर के मुद्दे पर कहा, जिस सावरकर को अंग्रेजों ने एक जन्म में दो-दो जन्मों की कारावास की सजा दी। उसको क्यों नहीं पड़ना चाहिए। वीर सावरकर ने 1857 के आंदोलन को पहली बार बोला था कि यह हमारा स्वतंत्रता संग्राम है। जनता ने अपने स्वाधीनता के लिए लड़ा गया संग्राम था। वीर को आप कैसे उपेक्षित कर सकते हो लेकिन कांग्रेस ने किया। कांग्रेस में सिर्फ एक परिवार का गुणगान किया।
सिकंदर लूटेरा था: इंदर सिंह परमार
उच्च शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, इतिहास में जो गलत तथ्य अंकित किए गए उनको ठीक करने का काम ठीक इतिहास बताने का काम हमारे लेखक करेंगे। उसमें जहां पर हमको यह लिखना पड़ेगा सिकंदर यूनान से आया लिखेंगे। सिकंदर यूनान से आया तो लूटने के लिए आया लूटेरा हो गया। सिकंदर महान लिखने की क्या जरूरत है। विश्व विजेता लिखने की क्या जरूरत है। जो भारत में पराजित हो गया वह विश्व विजेता कैसे हो सकता है।
thesootr links
सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें