संजय गुप्ता@ INDORE.
उच्च माध्यमिक शिक्षक ( higher secondary teacher ) के कितने पद खाली है? यह बहुत ही सामान्य सा सवाल है, लेकिन मप्र सरकार इसका भी जवाब नहीं देना चाहती है। युवा शिक्षक जो लगातार भर्ती और पदवृद्धि की मांग कर रहे हैं, इन्हें लोक शिक्षण संचालनालय ने दो लाइन का टका सा जवाब देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया है।
क्या जवाब दिया है संचालनालय ने
संचालनालय ने आरटीआई में लगे आवेदन पर जवाब दिया है कि वर्तमान सत्र 2023-24 के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षक की सीधी भर्ती से भरे जाने वाले रिक्त पदों की विषयवार जानकारी संधारित नहीं है और जानकारी तैयार कर देने का प्रावधान नहीं है। यह कहते हुए आवेदक को जानकारी देने से इंकार कर दिया है।
गजट नोटिफिकेशन में 34789 पद ही बता रहे
इसके पहले इन रिक्त पदों को लेकर मप्र शासन समय-समय पर गजट नोटिफिकेशन जारी कर कुल रिक्त पदों की जानकारी दे चुकी है। इसमें जुलाई 2018 के अनुसार 34789 पद थे और दिसंबर 2022 में जारी जानकारी में भी यही डेटा बताया गया। मप्र शासन ने इसके केवल 8720 पदों के लिए ही भर्ती निकाली, इसमें भी करीब पांच हजार पद ही नए हैं, बाकी बैकलॉग के पद है। वहीं इसी बीच कई शिक्षक रिटायर हुए, पदोन्नत हुए इसके बाद भी विषयवार रिक्त पद नहीं बताए जा रहे और ना ही इन पर भर्ती हो रही है। करीब 10249 पद पर वर्ग 1 के प्रमोशन भी हुए हैं। यह पद खाली हुए हैं।
फरवरी से भर्ती और पद वृद्धि का इंतजार कर रहे युवा
पहली बार ईएसबी द्वारा दो स्तरीय परीक्षा करते हुए उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 की चयन प्रक्रिया पूरी की थी और फरवरी 2024 में रिजल्ट जारी किया था। लेकिन रिजल्ट के बाद भी चयनित उम्मीदवार ठगे गए, क्योंकि विषयवार शिक्षकों का चयन होना है, कई विषयों में सामान्य और ओबीसी के लिए तो पद ही जीरो है, कहीं है तो दो-तीन ऐसे पदों की संख्या है। यानी मेरिट में टॉप 10 में आने के बाद भी युवाओं के लिए पद नहीं है और भर्ती नहीं मिल रही है। जबकि अभी तक क सबसे कठिन चयन परीक्षा दो स्तरीय पास करके यह युवा चयनित हुए थे। यदि मप्र शासन इन रिक्त पदों को बढ़ा कर 20 हजार कर दे, जिसकी मांग लगातार की जा रही है तो मप्र के स्कूलों को भी अधिक शिक्षित और काबिल युवा शिक्षक मिलेंगे, जिससे आगे जाकर पढ़ाई का भी स्तर सुधरेगा।
अभी बिगड़ा है मप्र का 10वीं और 12वीं का रिजल्ट
हाल ही में जारी हुए मप्र बोर्ड के जुड़े शासकीय स्कूलों का 10वीं और 12वीं का रिजल्ट काफी खराब आया। इसका सभी ने मूल कारण बताया शिक्षकों की कमी। स्कूलों में पढाने के लिए काबिल शिक्षक ही नहीं है, खासकर सीएम राइज स्कूलों में भी ऐसी खराब हालत है और रिजल्ट बिगडा है। इसके बाद भी लोक शिक्षण संचालनालय लगातार मांग के बाद भी शिक्षकों के पद बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। जबकि इसी परीक्षा से चयनित युवाओं से काबिल शिक्षक मिल सकते हैं।
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