खबरों की दुनिया में मारधाड़ राजनीति और धोखाधड़ी के बीच ऐसी खबरें भी सामने आती हैं, जो ठंडी हवा के झोंके की तरह होती हैं। गला काट कॉम्पिटिशन की दुनिया में मां- पाप अपने बच्चों से सिर्फ प्रतिस्पर्धा चाहते हैं। वहीं मध्य प्रदेश के एक आईएस ( IAS ) ने अपनी बेटी की असफलता पर जो चिट्ठी लिखी, वो पेरेंटिंग की मिसाल है। कभी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने इंदू उर्फ इंदिरा गांधी के लिए चिट्ठी लिखी थी, जो इतिहास में चर्चित है। आज की यह चिट्ठी भी युवाओं की प्रेरणा बन सकती है...
आईएस की बेटी ने पोस्ट कर ये लिखा
दरअसल मध्य प्रदेश के होम सेक्रेटरी ओमप्रकाश श्रीवास्तव की बेटी श्रुति ने यूपीएससी ( UPSC ) में अच्छे नंबर स्कोर किए, लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हो सका। पर्सनैलिटी टेस्ट होने के बाद उसे उम्मीद थी कि उसका सिलेक्शन हो जाएगा। पर्सनैलिटी टेस्ट के बाद उसने 5 अप्रैल को यूपीएससी दफ्तर धौलपुर हाउस पर खड़े होकर कुछ फोटोग्राफ लिए थे। उसने तब ये सोचकर फोटो लिए थे कि जब उसका सिलेक्शन हो जाएगा, वह तब इन फोटोज का इस्तेमाल करेगी, अफसोस..वह अंतिम सूची में शामिल नहीं हो सकी। इसके बाद भी उन्होंने फोटो शेयर की और लिखा- चयन नहीं हुआ फिर भी ये तस्वीरें पोस्ट कर रहा हूं, क्योंकि मैं अपनी असफलता को छुपाना नहीं चाहती, मैं स्वीकार करना चाहता हूं, इसे... इसे मेरा हिस्सा बनाओ, और मेरे साथ आगे बढ़ो। ये तस्वीरें एक 'सफलता' को दर्शाती हैं I जीवन में मेरा सपोर्ट सिस्टम है।
श्रुति की पोस्ट पर IAS पिता का जवाब
श्रुति की पोस्ट के बाद उनके ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने फेसबुक पर रिप्लाई किया है। उन्होंने लिखा- नहीं श्रुति ! तुम्हारी failure नहीं है। तुमने एक ऊंचा लक्ष्य सामने रखा था और देश भर के सबसे प्रतिभाशाली और मेहनती अनारक्षित वर्ग के उन 1000 युवाओं में अपना स्थान बनाया, जो इस कठिन परीक्षा के अंतिम चरण तक पहुंचे। अंतिम सफलता तो कई ऐसे कारणों पर निर्भर करती है, जो हमारे नियंत्रण के बाहर होते हैं। इसे ही भाग्य कहते हैं।
तुम्हारा ज्ञान, मेहनत किसी भी चयनित प्रत्याशी से कम नहीं
तुमने पहले भी सिविल सर्विस के मेन एग्जान दिए हैं और जिस पेपर में हमेशा तुम्हारे 125 के लगभग नंबर आते रहे हैं, इस बार उससे भी अच्छा पेपर जाने के बाद भी अनुमानित 135 के स्थान पर मात्र 103 नंबर मिलना सिर्फ भाग्य ही तो है, जिस कारण तुम किनारे तक पहुंच कर भी चयनित नहीं हो पाई। तुम्हारी मेहनत और व्यक्तित्व का मूल्यांकन तो इंटरव्यू बोर्ड ने किया है, जिसने तुम्हें 64 प्रतिशत अंक दिए हैं। जबकि आईएएस में भी 49-50 प्रतिशत पर अंतिम चयन हो जाता है। तुम्हारा ज्ञान, मेहनत और व्यक्तित्व किसी भी चयनित प्रत्याशी से कम नहीं है।
अब तुमने अपना करियर खुद चुन लिया है
तुम्हारी विशेषता इस बात में है कि 6 साल तक रात-दिन की मेहनत करके जो चाहा था और जिसके मिलने की पूरी संभावना थी, वह एक झटके में समाप्त हो गया। इसके बाद भी रिजल्ट घोषित होने के दो दिन बाद जिस जज्बे से तुमने पारिवारिक विवाह समारोह में भाग लिया, डांस किया और किसी को महसूस भी नहीं होने दिया कि दो दिन पहले कितना बड़ा झटका तुमको लगा है, वह अद्भुत है। तुमने अपना करियर खुद चुन लिया है।
तुम्हारा जज्बा तुम्हें समाज में स्थान दिलाएगा
महिलाओं और बच्चों के सशक्तीकरण को लेकर समाज के बीच काम करना। इसके लिए जिस उत्साह से तुमने काम शुरू कर दिया है, वह अविश्वसनीय सा लगता है। यही जज्बा तुम्हें समाज में स्थान दिलाएगा और यह काम तुम्हें संतुष्टि देगा। सिविल सेवा बहुत कुछ है, वह आर्थिक सुनिश्चितता देती है, समाज में पहचान और सम्मान दिलाती है, लेकिन वही सब कुछ नहीं है। भारत के केबिनेट सेक्रेटरी को कितने लोग जानते हैं, लेकिन बाबा आमटे, विनोबा जी जैसे लोग अमर हो जाते हैं। तुमने इस तैयारी के दौरान जो ज्ञान अर्जित किया, मेहनत करने के संस्कार पैदा किए और इनके परिणामस्वरूप जो व्यक्तित्व विकसित किया, उसमें समाज के निचले तबके में जीने वाली महिलाओं और बच्चों के प्रति करुणा का मेल हो जाने से तुम्हारा व्यक्तित्व और विराट होने वाला है। हम सब इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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