INDORE. मप्र सरकार ने साल 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है, निवेश बढ़ाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव पूरे देश में घूम रहे हैं और रीजनल इन्वेस्टमेंट समिट कर रहे हैं। लेकिन वहीं उद्योग विभाग (एमएसएमई MSME) में बैठे बड़े अधिकारी जमीन आवंटन के खेल में जुट गए हैं। खेल ऐसा कि कौड़ियों के भाव में अपने वालों को यह जमीन आवंटित की जा रही है।
सबसे बड़ा खेल इंदौर में जमीन आवंटन में
सबसे बड़ा खेल इंदौर में हो रहा है जहां जमीन की सबसे ज्यादा मारामारी है और कीमतें भी पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है। यहां पर 30-40 करोड़ की बाजार कीमत की जमीन उद्योग नियमों के चलते केवल 80-90 लाख रुपए की है, उसे अपने वालों को अलॉट किया जा रहा है और वह भी सर्वर में खेल करते हुए।
सर्वर में यह हो रहा है खेल
जमीन आवंटन के लिए सर्वर खोला जाता है, और नियम है कम से कम 24 घंटे तो चालू रहेगा और कब तक बोली लगाई जा सकती है इसका भी समयावधि लिखी होती है। लेकिन अपने वालों को बोली आते ही सर्वर हैंग कर दिया जाता है। इसके चलते जो पहले आया अपने वाला है वह जमीन आवंटन के लिए पात्र हो जाता है, क्योंकि नियम है कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवंटन होगा और यदि सिंगल बोली आती है तो भी उसे ही जमीन दी जाएगी, इसमें न्यूनतम दो-तीन बोली आने का भी प्रावधान नहीं है और ना ही अधिक कीमत वाले को जमीन देने का नियम है।
तीन मिनट में 40 करोड़ की जमीन में ऐसे कर दिया खेल
एमएसएमई विभाग ने 16 जुलाई को सांवेर तहसील की राजौदा गांव की 9.46 एकड़ अविकसित जमीन के आवंटन की बुकिंग शुरू। सुबह 10 बजे बुकिंग शुरू हुई, तीन लोगों ने इसमें भागीदारी तीन मिनट के भीतर कर दी। इसमें एक इसी विभाग का लाइजनर सीए का रिश्तेदार है, जो पहला भागीदार था, इसके बाद दो अन्य ने इसमें बुकिंग डाली। इसके बाद एक व्यक्ति ने जब 10 बजकर 6 मिनट पर बोली डाली तो वह सर्वर ने ली ही नहीं, यानी सर्वर अपने वालों की बोल लेकर बंद हो चुका था। इस जमीन की औपचारिक कीमत केवल 88 लाख रुपए है लेकिन बाजार में यह कीमत 40 करोड़ रुपए की है। बुकिंग इसके बाद बंद हो गई, जबकि नियम है कि कम से कम 24 घंटे बुकिंग चालू रहेगी। वहीं औपचारिक रूप से बुकिंग करने का समय 23 जुलाई की शाम 6 बजे तक का था।
दो और बुकिंग में इसी तरह से खेल
- इंदौर में यहीं पर खेल नहीं हुआ है। दो अन्य जमीनों के आवंटन में भी यही हुआ।
- विभाग ने 16 जुलाई को ही राउ रंगवासा की 2.37 एकड़ जमीन के आवंटन की बुकिंग शुरू की लेकिन इसमें भी एक बोली लगी और इसके बाद सर्वर बंद हो गया। यह जमीन की कीमत 1.81 करोड़ रुपए बताई गई है लेकिन बाजार कीमत 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की है।
- इसी तरह इसी दिन 16 जुलाई को ही सांवेर की ही एक जमीन जो करीब सात एकड़ की है। इसकी बुकिंग शुरू की गई, इसमें भी एक ही बुकिंग हुई और फिर सर्वर बंद हो गया। इस जमीन की औपचारिक कीमत 75 लाख रुपए है लेकिन वास्तविक बाजार कीमत 30 करोड़ के करीब होती है।
- इन दोनों ही बुकिंग में भी 16 जुलाई की सुबह 10 बजे से 23 जुलाई की शाम 6 बजे तक बुकिंग की समयसीमा दी गई थी। लेकिन दोनों में ही केवल एक-एक बोली आई और खेल करते हुए बुकिंग को बंद कर दिया गया।
द सूत्र को बताई उद्योगपति ने भ्रष्टाचार की पीड़ा
साउथ के राज्य से मप्र में आने वाले एक निवेशक ने अपनी पीड़ा और भ्रष्टाचार का खेल द सूत्र को बताया। उन्होंने कहा कि मैं यहां 20 करोड़ का निवेश कर रहा था और राजौदा और रंगवासा की जमीन आवंटन के लिए आवेदन करना था लेकिन सर्वर ही बंद कर दिया गया। इस आवंटन में गंभीर अनियमितता के साथ नियमों की अवहेलना की गई है।
विभाग में यह बैठे IAS अधिकारी, विभाग सबसे अमीर मंत्री चैतन्य कश्यप का
विभाग में अभी विकसित जमीन का आवंटन बंद है, पोर्टल पर इसकी सूचना है। लेकिन अविकसित जमीन जो बहुत ही कम दरों में मिलती है, उसका आवंटन अभी जारी है। यह केवल मध्यम श्रेणी के उद्योगों को ही आवंटित हो सकती है। लेकिन विभाग में बैठे जिम्मेदार आईएएस अधिकारियों ने इसमें आंखे मूंद रखी है। एमएसएमई विभाग में डायेरक्टर व सचिव अभी आईएएस नवनीत कोठारी है। वहीं एमपीएसईडीसी जो विभाग के ई बोली पोर्टल को देखता है, इसके एमडी आईएएस अंशुल गुप्ता का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, अब एमएसएमई विभाग ने खुद को पोर्टल बना लिया है। विभाग के मंत्री चैतन्य कश्यप है, सबसे अमीर मंत्रियों में से एक है और जो शासन से वेतन और भत्ते नहीं लेने की घोषणा के लिए जाने जाते हैं।
जमीन आवंटन के नियम क्या है पहले यह देखते हैं
- मप्र भूमि आवंटन नियम 2021 के तहत हर तीन माह में रिक्त भूमि की जानकारी जिलों से विभाग संचालनालय जाएगी और फिर वह इसकी सूची जारी करेंगे।
- हर माह की 7 तारीख पर पोर्टल पर इसकी सूचना दी जाएगी और दो समाचार पत्रों में भी जानकारी दी जाएगी।
- इन विज्ञापन के प्रकाशन के 10 दिन बाद माह की 21 तारीख को ई नीलामी शुरू होगी।
- यह नीलामी कम से कम 24 घंटे चलेगी, सिंगल बोली आई तो भी मान्य होगी, बोली के समय 25 फीसदी राशि व अन्य शुल्क देय होगा।
- आवंटन होने के बाद 45 दिन में पूरी राशि देना होगी और डीआईसी लीज करार करेगा
नियम 21 तारीख का तो बोली 16 जुलाई को कैसे हुई?
नियम के तहत समाचार पत्र प्रकाशन के दस दिन बाद और माह की 21 तारीख से ई बोली होना चाहिए, फिर रंगवासा, राजौदा और सांवेर (इंदौर) की जमीन की ई बोली 16 जुलाई से कैसे शुरू की गई? समाचार पत्र प्रकाशन को दस दिन हुए बिना ई बोली शुर हुई। सर्वर कम से कम 24 घंटे तो चलना ही था लेकिन बोली आने के पांच मिनट बाद कैसे बंद हुआ?
रंगवासा की जमीन का विज्ञापन 15 जुलाई को छपा
रंगवासा की जमीन 2.37 एकड़ जिसकी बाजार कीमत 20 करोड़ से ज्यादा है, इसकी ई नीलामी का विज्ञापन इंदौर के समाचार पत्र में 15 जुलाई को प्रकाशति हुआ और बोली 16 जुलाई की सुबह 6 बजे शुरू कर दी गई। ताकि कोई भी आवेदक इसके लिए लगने वाले दस्तावेज, चेक आदि राशि की तैयारी ही नहीं कर सके। इसके बाद 16 जुलाई की सुबह 10 बजे बोली शुरू होती है और इसे इसके बाद तत्काल बंद कर दिया जाता है। जबकि नियम साफ है कि विज्ञापन प्रकाशन के दस दिन बाद बोली शुरू होगी और महीने की 21 तारीख से होगी और कम से कम 24 घंटे चालू रहेगी।
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