INDORE. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा 2024 जो केवल 110 पद के लिए हो रही है इसकी प्री के एक-दो नहीं नौ सवालों पर आपत्ति लगी हुई। इसमें जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस विशाल मिश्रा ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को सुनवाई कर ली है। सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। जो अब कभी भी अपलोड हो सकता है। लंच होने के पहले ही बेंच ने साफ कहा था कि लंच के बाद फिर सुनवाई करेंगे, यह अंतिम सुनवाई है, क्योंकि सामने पक्षकार के जवाब आ चुके हैं।
लंच के बाद 25 मिनट चली सुनवाई
लंच करने के बाद ढाई बजे से फिर सुनवाई हुई और करीब 25 मिनट तक चली, इसमें विविध याचिकाएं लगी थी जिसे लिंक कर सुना गया। जस्टिस ने यह भी कहा कि मॉडल आंसर की को किस तरह से चैलेंज किया जा सकता है, जबकि जो आंसर दिए गए हैं, उनके द्वारा दस्तावेज देखकर तय किए हैं और यह आंसर की सभी पर लागू है। इस पर याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने भी परीक्षा विज्ञप्ति में दिए नियमों और विविध कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और यह भी कहा कि हमारी आपत्तियां भी शासकीय मान्यता प्राप्त किताबों, दस्तावेज पर ही है। कुछ प्रश्न तो गलत फ्रेम थे, इन्हें डिलीट करके सभी को नंबर दिया जाना चाहिए था। इसमें दो सवाल ज्यादा उठे, जिसमें एक सवाल मौलिक अधिकार से जुड़ा था और दूसरा स्पेमिंग, फिशिंग संबंधी मामले पर था। यह सवाल शुरू से ही विवादित रहे हैं। जस्टिस ने सभी के तर्क ध्यान सुने और आयोग का भी जवाब सुना और इसके बाद मामला अभी सुरक्षित रख लिया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी, उत्कर्ष सोनकर और प्रवीण दुबे ने पक्ष रखे। वहीं पीएससी की ओर से आदित्य पचौरी थे। अधिवक्ता तिवारी ने बताया कि सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। उम्मीद यह जल्द जारी हो जाएगा।
जस्टिस ने यह भी पूछा कब है मैंस
जस्टिस ने सुनवाई के दौरान यह भी पूछा कि आगे की प्रक्रिया कब से हैं? मेंस कब होना है? इस पर बताया गया कि यह 21 अक्टूबर से ही है। माना जा रहा है कि फैसला आज ही जारी हो सकता है या फिर यह कल भी आ सकता है। हाईकोर्ट ने सभी विविध याचिकाओं को एक साथ क्लब कर लिया है।
इससे पहले मांगी थी विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट
इसके पहले जस्टिस ने 14 अक्टूबर को सुनवाई के बाद 17 अक्टूबर को विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट तलब की थी। उल्लेखनीय है कि पीएससी 2024 की मेंस 21 अक्टूबर से ही होने जा रही है। इसके एडमिट कार्ड भी पीएससी ने अपलोड कर दिए हैं। यह दस शहरों में होगी। पीएससी प्री 2024 के लिए करीब 1.90 लाख उम्मीदवारों ने फार्म भरे थे लेकिन इसमें से 1.35 लाख ने ही उपस्थिति दर्ज कराई थी। कम पदों के कारण उम्मीदवारों ने अधिक रूचि नहीं दिखाई।
इन सवालों को लेकर लगी आपत्ति
आपत्तिकर्ताओं ने सेट ए के प्रश्न नंबर 11, 27, 42, 64, 66, 67 और 81 के जवाब गलत बताए हैं और साथ ही प्रश्न नंबर 32 और 91 पर भी आपत्ति लगाते हुए इन्हें डिलीट कर सभी को समान अंक देने की बात कही है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने कहा कि जिन प्रश्नों को लेकर आपत्ति लगी है, इसमें सभी तथ्य और तर्क सामने रखे हैं। हाईकोर्ट ने पीएससी से विशेषज्ञ कमेटी से रिपोर्ट मांगी है कि किस आधार पर आंसर तय हुए हैं? पीएससी 2023 में भी यही हुआ था और हाईकोर्ट ने दो सवालों को गलत माना था।
इन सवालों पर आपत्ति
1. सुप्रीम कोर्ट में किस केस में मौलिक अधिकार की बात कही है: इसमें पीएससी का आंसर बी चंपाकरण केस था लेकिन आपत्तिकर्ता का कहना है कि ए आंसर गोरखनाथ केस सही जवाब है।
2. बिरहा प्रसिद्ध लोकगीत है किस जनजाति का- पीएससी का आंसर गोंड था जो ए था लेकिन आपत्तिकर्ता का कहना है कि यह बी आंसर कोल सही था।
3. एक सवाल ईमेल में अटैक से जुडा था- पीएससी का आंसर बी व सी दोनों को सही बताया था, लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि स्पेमिंग ए सही था।
4. मौर्य काल में प्रदेष्ठा किससे जुड़ा था- पीएससी का आंसर बी जस्टिस डिपार्टमेंट था वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि यह सही रिवेन्यू डिपार्टमेंट ए था।
5. एक सवाल था सभा औऱ् समिति किस वेद में है- इसमें पीएससी का जवाब सी अर्थववेद था वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि ए ऋग्वेद सही है।
6. उपनयन पंरपरा किससे जुड़ा- पीएससी का जवाब डी ऋस्तभ मंत्र था वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि बी गायत्री मंत्र सही जवाब है।
7. रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना को लेकर सवाल था- पीएससी का जवाब डी (1,2,3) सही जवाब था, वहीं याचिकाकर्ता कहना था कि सही जवाब ए यानी एक व दो सही जवाब थे।
इन दो सवाल डिलीट करने की मांग
1. जीडीपी से जुड़ा सवाल था- इसमें याचिकाकर्ता का कहना है कि सही विकल्प नहीं होने से डिलीट होने योग्य था।
2. एक सवाल फाइटर और उनके क्षेत्र के जोड़ी मिलान से जुड़ा था। इसमें भी सही जवाब नहीं होने की बात कही गई।
राज्य सेवा प्री 2023 का मुद्दा अभी चल ही रहा
प्री के सवालों के जवाब पर आपत्ति लगना कोई नई बात नहीं रह गई है। राज्य सेवा प्री 2023 में लगी आपत्तियों का विवाद आज तक चल रहा है। इसमें तो सीधे हाईकोर्ट ने दो सवालों को गलत मानते हुए प्री का पूरा रिजल्ट ही रिवाइज्ड करने का बोल दिया था। लेकिन पीएससी ने स्टे ले लिया और फिर मेंस भी करा दी। लेकिन अब स्टे को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई जारी है। इसी के चलते राज्य सेवा मेंस 2023 का रिजल्ट सात माह से जारी नहीं हुआ है।
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