INDORE. दीपावली (Deepawali) 31 अक्टूबर को या फिर 1 नवंबर को मनाई जाएगी है? इसे लेकर पूरे देश में सवाल उठ रहे हैं। वहीं इंदौर में इसे लेकर धर्माचार्यों ने एक बार फिर संस्कृत विद्यालय में बैठक की। इसमें फैसला लिया गया कि 1 नवंबर को ही दीपावली मनाया जाना श्रेष्ठ है।
क्यों बोले 1 नवंबर अधिक उपयुक्त
पंडित विनायक पांडे ने कहा कि देश के विविध विद्वान और ज्योतिष व पंचांगों के विद्वान है सभी ने यह फैसला लिया है कि दीपावली हर दृष्टि से 1 नवंबर को ही मनाया जाना उचित होगा। इस फैसले का आधार धर्मशास्त्र है और इस देश से निकलने वाले करीब 95 फीसदी पचांग है। इसका कारण है कि दो दिवसीय प्रदोष व्यापिनी तिथि होती है तो उस दिन दूसरी वाली तिथि को ही पर्व मनाया जाए। पहली तिथि 31 अक्टूबर को अमवस्या चार बजे शुरू हो रही है और दूसरे दिन शाम 6.17 बजे तक रहेगी। सूर्यास्त के बाद एक पल भी अमावस्या रहती है तो यदि साढ़े तीन प्रहर तक अमावस्या रहती है तो उसी दिन एक नंवबर को ही दीपावली मनाना श्रेष्ठ और सर्व कल्याण के लिए उपयुक्त है।
अयोध्या में भी दीपावली 1 नवंबर को
पंडित विनायक पांडे ने कहा कि अयोध्या जहां रामलला है, वहां भी एक नवंबर को ही दीपावली मनाने का फैसला हो चुका है। फिर जब वहां मनाई जा रही है तो फिर इंदौर में भी इस दिन मनेगी। खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट ने कहा कि एक नवंबर ही श्रेष्ठ है। सभी का फैसला यही है। क्योंकि एक नवंबर को सूर्योदय के समय भी अमावस्या है और सूर्यास्त के बाद भी आधे घंटे तक अमावस्या है। सभी व्यापारियों, कारोबारियों और आमजन से अपील है कि वह इसी दिन दीपावली मनाएं। सारे देश में भी एक नवंबर को होगी।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक