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INDORE. श्री गुरुसिंघ सभा इंदौर के चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। वोटिंग 6 अक्टूबर को होना है। इसके पहले हाईकोर्ट के आदेश पर नामाकंन फार्म और चुनाव की मतदाता सूची को लेकर आपत्तियां दायर हुई थी। इनका निराकरण करने का अंतिम दिन है, इसमें 200 से ज्यादा आपत्तियां आई है। मुख्य मुद्दा अमृतधारी सिख कौन है और किसे गुरमुखी आती है यह हो चुका है। हालांकि, वर्तमान प्रधान और एक बार इस पद के उम्मीदवार रिंकू भाटिया को मतदाता सूची पर भी आपत्ति है, और इसे लेकर कलेक्टर आशीष सिंह को भी वह शिकायत कर चुके हैं।
चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन (बक्शी) से सीधी बात...
चुनाव को लेकर किस तरह की आपत्तियां आई?
सूदन- दो तरह की आपत्तियां आई है एक तो मतदाता सूची को लेकर कि हमारा नाम नहीं है। इसमें मुख्य रूप से 150 करीब आपत्तियां आई थी। हमें 50 नाम सूची में मिल गए हैं, जो पहली सूची से दूसरी सूची में टाइप करते हुए या क्रमांक नहीं होने के चलते मिल नहीं रहे थे। इन सभी को बता दिया है और कुछ लोगों के ना नाम है और ना ही सदस्यता फार्म है, उन्हें भी हम सूचित कर रहे हैं कि आपके नाम नहीं है।
बताया जा रहा है कि मतदाता सूची में 500 नाम की गड़बड़ी हुई?
सूदन- नहीं 50 नाम त्रुटिवश छूट गए थे, 500 नाम की कोई बात नहीं है। रिंक भाटिया की शिकायत गलत है। हमने श्री गुरुसिंघ सभा से ही यह सदस्यता सूची ली है, लिखकर लिया है। किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है।
अमृतधारी सिख को लेकर आपत्तियां आई है?
सूदन- हां, मतदाता सूची के अलावा दूसरी आपत्तियां नामांकन फार्म को लेकर ही आई है। इसमें अमृतधारी सिख को लेकर दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगे हैं। हमने दोनों ही पक्षों को बुलाया है और आपत्तियां बता दी है, जिस पर लिखित में जवाब लिया गया है। इनका भी निराकरण कर देंगे।
कैसे जांचेंगे अमृतधारी सिख है या नहीं?
सूदन- पांच लोगों के खिलाफ इस तरह की शिकायत आई है। हमने नामांकन फार्म का जो शपथपत्र भरवाया है इसी में लिखवाया है कि अमृतधारी सिख होना चाहिए, रहत मर्यादा का पक्का हो और गुरवाणी लिखना, पढ़ना आता हो। सभी दावेदारों ने इस पर टिक किया है, एक ने नहीं किया था तो उनका फार्म रिजेक्ट कर दिया था। खुद उम्मीदवारों ने ही शपथपत्र दिए हैं।
चुनाव को लेकर समझौते की बात आई है क्या
सूदन- अभी हमारे पास कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं है। समाज के हित में गुरूद्वारा निरंजनपुर व अन्य संगत ने भी कहा है कि इलेक्शन की जगह सिलेक्शन होन चाहिए। चुनाव से समाज में मनमुटाव होता है। यह तो दोनों पैनल को तय करना है, हमारी तो चुनाव को लेकर पूरी तैयारी है।
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