इंदौर में श्री गुरुसिंघ सभा के चुनाव को लेकर 12 साल से प्रधान पद पर काबिज मनजीत सिंह उर्फ रिंकू भाटिया और उनके सहयोगी जगजीत सिंह टूटेजा उर्फ सुग्गा की लगी सभी आपत्तियां हाईकोर्ट से खारिज हो गई। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शनिवार को आदेश जारी कर दिया और साफ कहा कि चुनाव शुरू होने के बाद इसे रोका नहीं जा सकता है।
रिंकू और सुग्गा यह की थी मांग
याचिका लगाने वालों में रिंकू व सुग्गा के साथ ही बलवीर सिंह, चरणबीर सिंह, बलविंदर सिंह, संदीप सिंह भी शामिल थे। इनकी मांग थी कि खंडवा-फतेह पैनल के प्रधान पद के दावेदार हरपाल उर्फ मोनू भाटिया और सचिव पद के उम्मीदवार प्रीतपाल सिंह उर्फ बंटी भाटिया योग्य नहीं है और अमृतधारी सिख नहीं है, उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए। चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन (बक्ऱ्शी) चुनाव कराने के अधिकार खो चुके हैं और कलेक्टर इसमें आपत्तियां निराकृत करें।
चुनाव अधिकारी बोले- वह 12 साल से काबिज, चुनाव नहीं चाहते
इस मामले में चुनाव अधिकारी ने रिंकू भाटिया के आरोपों पर तीखा जवाब दिया। उनके अधिवक्ता ने साफ कहा कि वह 12 साल से पद पर है और ऐन-केन किसी भी तरह से चुनाव टालना चाहते हैं। वह किसी भी हाल में चुनाव नहीं चाहते हैं, इसलिए लगातार आपत्तियां लगा रहे हैं। मोनू भाटिया के पास अमृतधारी सिख होने का श्री अकाल तख्त से पत्र है और उन्होंने अमृत चखा है। इस पर सभी आपत्तियां जवाब सुनकर खारिज हो चुकी है, लेकिन याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सामने खड़े इकलौते उम्मीदवार को अयोग्य घोषित किया जाए, ताकि चुनाव नहीं हो और वह फिर से निर्विरोध आ जाएं।
हाईकोर्ट ने यह कहा
हाईकोर्ट इंदौर ने साफ कहा कि चुनाव में दखल देने का कोई मतलब नहीं है, इस संबंध में विविध आदेश पहले से मौजूद है। सीमित दायरे में पहले याचिकाएं सुनी गई लेकिन चुनाव पर रोक नहीं लगाई गई। इस मामले में यदि पक्षकारों को चुनाव रिजल्ट को लेकर कोई आपत्ति आती है तो वह चुनाव के बाद कानून की मदद ले सकते हैं।
मुख्य चुनाव अधिकारी चुनाव कर चुके हैं स्थगित
मुख्य चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन (बक्शी) ने देर रात साढ़े बारह बजे करीब एक पत्र जारी किया। इसमें चुनाव स्थगित करने की सूचना थी। इसमें अभी तक चले घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि गया कि पहले मतदाता सूची को लेकर हाईकोर्ट में केस गया, तीन दिन में आपत्ति लेकर निराकरण करने का आदेश आया, उसका पालन किया गया। इसके बाद फिर एक और याचिका लगी और इसमें मोनू भाटिया और सचिव पद के दावेदार बंटी भाटिया के अमृतधारी सिख पर आपत्ति लगी, इसका निराकरण किया गया। फिर एक और याचिका लगी। इसमें अभी फैसला नहीं आया है। लेकिन न्यायालयीन प्रक्रियाओं से उत्पन्न स्थिति व प्रशासन द्वारा विवाद की स्थिति को देखते हुए आवश्यक पुलिस बल नहीं होने व स्टॉफ उपलब्ध नहीं होने से 6 अक्टूबर को होने वाले मतदान सभा व संगत के हित में संभ नहीं होने से स्थगित किए जाते हैं। प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद मतदान की नई तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
हाईकोर्ट से चुनाव रोक नहीं लगाने के बाद भी दिवाली तक तो चुनाव होना मुश्किल है। क्योंकि त्योहार के सीजन में पुलिस बल की कमी को देखते हुए प्रशासन अभी इसकी मंजूरी नहीं देगा।
यहां क्लिक करके पढ़ें कोर्ट का पूरा आदेश
Shri Gurusingh Sabha elections new.pdf
इस दौरान रिंकू के लिए क्या मुश्किल
अमृतधारी सिख मामले को लेकर रिंकू भाटिया और सुग्गा द्वारा बार-बार श्री अकाल तख्त को हाईकोर्ट में पार्टी बनाया गया है। इसके चलते अब समाज के कई लोग और विपक्ष से मोनू भाटिया व उनके समर्थक श्री अकाल तख्त जाने की तैयारी कर रहे हैं और उनकी मांग है कि दोनों को तनखईया घोषित कराया जाए, क्योंकि इन्होंने बेअदबी की है। श्री अकाल तख्त के फैसले नहीं माने और उन पर सवाल उठाए हैं।
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