JABALPUR. मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की विजिलेंस इकाई ने जबलपुर में दो जगह पर छापामार कार्रवाई की है। जिसमें बिजली मीटर से छेड़छाड़ (टेम्परिंग) कर रीडिंग कम करने वाले गैंग का खुलासा है। इस गैंग का सरगना बिजली विभाग का कर्मचारी रह चुका है। इस गैंग के कुछ गुर्गे तो पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं पर आरोपी किशन और मजीद को इस रेड की सूचना पहले ही मिल चुकी थी। जिसके कारण वह मौके से फरार हो गए। इस मामले में विद्युत विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत भी सामने आने की संभावना है।
नौकरी गई तो इस तरह लिया बिजली विभाग से बदला
इस गिरोह का मुख्य सरगना किशन कोरी था। घमापुर थाना क्षेत्र तमेरा मोहल्ले का रहने वाला किशन कोरी पहले बिजली विभाग में ही कार्यरत था जिसे अनियमितताओं के चलते विभाग से निकाल दिया गया था। उसके बाद किशन ने मीटर सेट कर बिजली विभाग को ही चूना लगा कर बदला लेने की ठान ली। किशन ने हनुमानताल निवासी मजीद सहित के साथ मिलकर एक पूरी की पूरी गैंग खड़ी कर दी। इस गैंग के सदस्य मीटर रीडर उपभोक्ताओं से संपर्क करते थे और उसके बाद मीटर सेट करने का काम किशन और मजीद को देते थे।
चुटकियों में सेट कर देते थे मीटर
उपभोक्ताओं के द्वारा काम मिलने के बाद यह लोग चुटकियों में मीटर में छेड़छाड़ कर ऐसा सेटअप कर देते थे कि मात्र एक बटन दबाने से मीटर बंद हो जाता था। इन आरोपियों को मीटर के बारे में इतनी जानकारी थी कि यह डिजिटल मीटर को भी धीमा कर देते थे। मीटर से छेड़छाड़ के बाद उसमें लगी हुई सील से लेकर अन्य सुरक्षा के स्टीकर भी इस गैंग के पास मौजूद होते थे ताकि किसी को इस छेड़छाड़ का पता ही ना लग सके।
सेट किए गए मीटरों को पकड़ पाना होता था मुश्किल
तमेरा मोहल्ला निवासी किशन के घर पर रेड करने पर विभाग को लगभग 17 मीटर मिले थे तो हनुमानताल निवासी मजीद के घर पर जब छापा मारा गया तो बड़ी संख्या में मीटर की सील के साथ चेंज स्लिप भी मिली हैं। जिसकी सहायता से छेड़छाड़ करने के बाद यह मीटर को इस तरह का बना देते थे की बिजली विभाग के अधिकारियों के लिए भी इस मीटर में हुई छेड़छाड़ को पकड़ पाना मुश्किल होता था।
एमपीएसईबी के अधीक्षण यंत्री संजय अरोरा ने बताया कि जब किसी मीटर को बदल जाता है तो विभाग के द्वारा उसमें एक चेंज स्लिप लगाई जाती है जिसमें पुराने और नए मीटर के नंबर लिखे होते हैं। यह स्लिप एक आधिकारिक स्लिप होती है जिसे देखकर यह पता चलता है कि इस मीटर को विभाग के द्वारा बदला गया है। वहीं मीटर के नीचे बॉक्स में एक सील लगाई जाती है जो मीटर से छेड़छाड़ करने पर टूट जाती है। लेकिन इस गिरोह के पास यह सील भी मौजूद थी और यह छेड़छाड़ के बाद दोबारा इस सील को मीटर में लगा देते थे।
गैंग के सदस्यों की थी अलग-अलग जिम्मेदारी
इस गैंग में उपभोक्ताओं को कैलाश और मजीद तक पहुंचने में मुख्य भूमिका मीटर रीडर निभाते थे। मीटर रीडर जब उपभोक्ताओं के यहां मीटर की रीडिंग करने पहुंचते थे उसी समय उपभोक्ताओं को वह मीटर स्लो करने का लालच देते थे। 1500 से 2000 रुपए में सौदा तय होने के बाद इसकी सूचना गैंग के सरगना कैलाश और मजीद को दी जाती थी। जिसके बाद वह मीटर को सेट कर देते थे। मामले में पकड़े गए मीटर रीडर रोहित केवट ने बताया कि अभिषेक दुबे, कृष्ण कुमार यादव, सौरभ जैसे कई मीटर रीडर हैं जो इस गैंग में शामिल है। अब विभाग और पुलिस के द्वारा अन्य मीटर रीडर को गिरफ्तार करने की भी कोशिश शुरू कर दी गई है और इस मामले में कई और भी खुलासे हो सकते हैं।
विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत की संभावना
आरोपियों के घर पर इतनी बड़ी मात्रा में मीटर के सील और चेंज स्लिप मिलने के साथ ही रेड की सूचना भी उन्हें पहले से मिल गई थी। जिस कारण वह भागने में सफल हो गए। अब इस मामले में यह तथ्य उजागर होने के बाद इस गैंग में विभाग के लोगों की भी मिली भगत की संभावना नजर आ रही है। पुलिस के द्वारा मामले में विद्युत विभाग की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और अब इस मामले की जांच के बाद अन्य आरोपियों के नाम का खुलासा हो सकता है।
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