मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 27 वकील बने सीनियर एडवोकेट, इन्हें मिला सम्मान

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कानूनी क्षेत्र में असाधारण योगदान और उत्कृष्टता के लिए वकीलों को सीनियर एडवोकेट की उपाधि से सम्मानित किया है। इस बार कुल 48 वकीलों ने आवेदन किया, जिनमें से 27 को चयनित किया गया।

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Neel Tiwari
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MP jabalpur High Court 27 lawyers got the title of Senior Advocate
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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कानूनी क्षेत्र में असाधारण योगदान और उत्कृष्टता के लिए 27 प्रतिष्ठित वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता (सीनियर एडवोकेट) (Senior Advocate Title) की उपाधि प्रदान की है। यह उपाधि न केवल उनके अनुभव और योग्यता को मान्यता देती है, बल्कि न्यायिक प्रणाली (Judicial System) में उनकी विशेष भूमिका बता रहा है। इनमें से दो महिला वकीलों को भी यह सम्मान मिला है, जो महिलाओं के न्यायिक क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव को भी दिखता है।

कानून की हर फील्ड में माहिर बने वरिष्ठ अधिवक्ता

इस बार नामित किए गए वरिष्ठ अधिवक्ताओं (Senior Advocate) में कई जाने-माने नाम शामिल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में एक्सपर्ट और बेहतरीन कानूनी प्रबंधन के लिए प्रसिद्ध हैं। 27 वकीलों की इस सूची में आदित्य सांघी, अमित सेठ, अंजलि बनर्जी, अर्पण पवार, अशोक लालवानी, हरप्रीत सिंह रूपराह, जितेन्द्र कुमार शर्मा, और मनोज मुंशी जैसे अनुभवी वकील शामिल हैं। इसके अलावा, मोहम्मद अली, नरिंदरपाल सिंह रूपराह, प्रहलाद चौधरी, और प्रकाश उपाध्याय जैसे पेशेवरों ने भी यह उपाधि अर्जित की है। सूची में वरिष्ठ महिला वकील (Women Lawyers) अंजलि बनर्जी और सुधा श्रीवास्तव को शामिल करना लैंगिक समानता और महिला वकीलों की भूमिका को मान्यता देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

पारदर्शी होती है वरिष्ठ अधिवक्ता के चयन की प्रक्रिया

वरिष्ठ अधिवक्ता की उपाधि देने करने की प्रक्रिया में बहुत पारदर्शी और कठोर मानदंड अपनाए जाते हैं। इस बार कुल 48 वकीलों ने आवेदन किया, जिनमें से 27 को चयनित किया गया। हाइकोर्ट की स्थायी समिति ने इन वकीलों की योग्यता, अनुभव, और कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान का गहन मूल्यांकन भी किया। इसके बाद, चयनित नामों को अदालत के सामने प्रस्तुत किया गया, जिसने सर्वसम्मति से इन नामों को मंजूरी दी। यह प्रक्रिया न्यायपालिका की निष्पक्षता और योग्यता-आधारित चयन प्रणाली का उदाहरण प्रस्तुत करती है।

न्यायिक प्रणाली में सीनियर एडवोकेट्स की भूमिका

सीनियर एडवोकेट की उपाधि केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। इस दर्जे के वकील अदालत में जूनियर वकीलों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और जटिल कानूनी मामलों में न्यायालय की सहायता करते हैं। उनकी विशेषज्ञता न्यायिक प्रक्रिया की गुणवत्ता और न्याय की उपलब्धता को बेहतर बनाने में योगदान देती है। वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा पाने वाले वकील अपने पेशेवर जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं और कानूनी क्षेत्र में एक उदाहरण स्थापित करते हैं।

साल 2022 में नामित हुए थे 15 वरिष्ठ अधिवक्ता

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिछली बार 2022 में वरिष्ठ अधिवक्ता की उपाधि प्रदान की थी, जब 15 वकीलों को यह सम्मान दिया गया था। इस बार की घोषणा इस बात को दर्शाती है कि न्यायालय नियमित रूप से अपने कानूनी ढांचे में सुधार और योग्य व्यक्तियों को मान्यता देने की प्रक्रिया को प्राथमिकता देता है। इस बार चुने गए 27 वकीलों की संख्या न्यायालय की बढ़ती ज़रूरतों और न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में उसके प्रयासों को दिखती है।

दो महिला वकील बनीं वरिष्ठ अधिवक्ता

इस सूची में दो महिला वकील अंजलि बनर्जी और सुधा श्रीवास्तव को शामिल किया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता सूची में शामिल नामों के जरिये कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका नजर आई है। महिला वकीलों की बढ़ती भागीदारी और उनकी उपलब्धियों को मान्यता देना न केवल न्यायपालिका को समावेशी बनाता है, बल्कि यह अन्य महिलाओं को भी इस क्षेत्र में प्रेरित करता है। यह कदम न्यायिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी स्थापित करने की दिशा में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

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