JABALPUR. मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने 1233 पदों पर एएनएम की भर्ती निकाली गई थी। जिसमें 2019 के भर्ती नियम की बाध्यता थी। जिसके तहत केवल 134 पदों पर नियुक्तियां की गई थी। शेष 1099 पदों पर नियुक्तियां रिक्त थी। इस मामले में हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में 5 अप्रैल 2024 को फैसला करते हुए एएनएम परीक्षा के परिणाम घोषित कर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्तियां के लिए आदेश जारी किया था। लेकिन 6 महीने हो जाने पर भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नियुक्तियां नहीं की गई थी। इसको लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 नवंबर 2024 को 1099 पदों पर नियुक्तियों के आदेश स्वास्थ्य विभाग को दिया था। साथ ही नियुक्तियां नहीं होने पर कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिए गए थे।
स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर हुए कोर्ट में हाजिर
हाईकोर्ट के द्वारा एएनएम के 1099 पदों की नियुक्ति के लिए आदेश दिया गया था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की सुस्त चाल के चलते अभी तक नियुक्तियां नहीं की गई है। इस संबंध में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के कमिश्नर तरूण राठी हाईकोर्ट में उपस्थित हुए और उन्होंने बताया कि आदेश का पालन किया जा रहा है और दस्तावेजों का सत्यापन लगभग पूरा हो गया है।
याचिकाकर्ता तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं की कमिश्नर के द्वारा कहीं जाने वाली बात विवादित है। इस संबंध में उनके द्वारा कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए जिसमें उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारी कोर्ट के आदेश और नियुक्तियां करने के लिए गंभीर नहीं है। साथ ही कोर्ट के आदेश का उल्लंघन भी कर रहे हैं।
एक सप्ताह में आदेश के पालन का आश्वासन
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट में यह आश्वासन दिया कि एएनएम के अभ्यर्थियों के सभी दस्तावेजों की जांच एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। साथ ही कोर्ट के द्वारा 5 नवंबर 2024 को दिए गए आदेश का पालन करते हुए नियुक्तियां की जाएगी। महाधिवक्ता ने बताया कि इंदौर खंडपीठ में 5 अप्रैल 2024 को दिए गए फैसला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) पेश की जा चुकी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अभी तक सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हुआ है।
तरूण राठी अगली सुनवाई में भी रहेंगे हाजिर
इस याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत (Chief Justice Suresh Kumar Kait) और जस्टिस विवेक जैन (Justice Vivek Jain) की डिवीजन बेंच में हुई जिसमें इस मामले की अगली सुनवाई में भी मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के कमिश्नर तरूण राठी को उपस्थित रहने का आदेश दिया है। साथ ही इस याचिका से संबंधित अन्य जानकारी को भी सुनवाई के लिए दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को है।
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