शिक्षक भर्ती नियम में होगा संशोधन, द्वितीय श्रेणी की जगह अब 50 प्रतिशत वाले अभ्यर्थियों का सिलेक्शन

जबलपुर हाईकोर्ट में हाई स्कूल शिक्षक भर्ती 2018 के नियमों में संशोधन को लेकर सुनवाई हुई। सरकार ने 23 जनवरी तक नियम बदलने का आश्वासन दिया, रिपोर्ट 8 फरवरी को पेश होगी।

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Neel Tiwari
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जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर हाईकोर्ट Photograph: (the sootr)

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जबलपुर हाईकोर्ट में हाई स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के नियमों को चुनौती दिए जाने वाली 12 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट के पूर्व जारी किए गए आदेश के बाद नियमों के संशोधन के लिए कमेटी का गठन किया गया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने कोर्ट को 23 जनवरी तक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के नियमों में संशोधन का आश्वासन दिया गया। 8 फरवरी को याचिका की अगली सुनवाई में सरकार को इसकी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करनी होगी।

हाई स्कूल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के नियमों की संवैधानिकता को चुनौती

जबलपुर हाईकोर्ट में हाई स्कूल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 2018 के भर्ती प्रक्रिया के नियमों की संवैधानिकता को चुनौती दिए जाने के एक दर्जन मामलों पर सुनवाई हुई है। जिसमें कोर्ट में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान दौरान राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए भर्ती प्रक्रिया में क्राइटेरिया संबंधित नियमों में संशोधन के लिए कमेटी बनाने और नियम संशोधित करने का आदेश दिया था। बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार ने 23 जनवरी तक नियमों को संशोधित करने का आश्वासन कोर्ट को दिया गया है।

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सेकंड डिवीजन के आधार पर नियुक्ति पर थी आपत्ति

हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि 2021 से 2024 हाई स्कूल शिक्षकों की भर्ती में एनसीटीई (NCTE) के नियमों का उल्लंघन हुआ। 448 उम्मीदवार, जिनके स्नातकोत्तर अंकों में 45% से अधिक लेकिन 50% से कम हैं और जिनकी मार्कशीट में "द्वितीय श्रेणी" अंकित है, उन्हें नियुक्ति दी गई। वहीं, समान अंकों के बावजूद "तृतीय श्रेणी" अंकित उम्मीदवारों को प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।

NCTE के मानकों पर तय हो क्राइटेरिया

अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने बताया कि हाई स्कूल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के नियमों में जो क्राइटेरिया है उसमें संशोधन किए जाने के लिए कोर्ट ने आदेशित किया था। वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया में क्राइटेरिया में कम से कम क्वालीफिकेशन सेकंड डिवीजन (द्वितीय श्रेणी ) को रखा गया था। जिसमें कई जगह 45% अंक वाले को सेकंड डिवीजन (द्वितीय श्रेणी) तो कहीं 49% अंक वाले को थर्ड डिवीजन (तृतीय श्रेणी) माना गया था। इसमें याचिकाकर्ता के द्वारा जिनकी 47, 48 और 49 प्रतिशत है और जिनकी मार्कशीट में तृतीय श्रेणी लिखा है उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई है और वहीं कई अभ्यर्थी ऐसे हैं 45 और 40% अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो गई है। उन्होंने बताया कि एनसीटीई (NCTE) का नियम है भर्ती प्रक्रिया में डिवीजन या श्रेणी को नहीं रखा जाएगा। इसमें नियुक्ति और पात्रता अंकों में रहेगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से एनसीटीई के मानकों के आधार पर क्राइटेरिया को तय किए जाने पर जोर दिया।

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पिछली सुनवाई में 3 हफ्तों का दिया गया था समय

हाई स्कूल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के नियमों में संशोधन के लिए 16 दिसंबर 2024 को चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने शासन को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि भर्ती नियमों में तत्काल संशोधन कर 18 दिसंबर तक कोर्ट को सूचित किया जाए। इसके साथ ही एससी, एसटी, और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण अधिनियम की धारा 4-A के अनुसार योग्यता में छूट का प्रावधान किया जाए। जिसके बाद 19 दिसंबर को हुई इस मामले की सुनवाई में महाधिवक्ता कार्यालय की ओर से प्रस्तुत जानकारी में बताया गया कि नियमों में संशोधन के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है जिसमें नियमों में संशोधन की प्रक्रिया को पूरा करने में में 2 से 3 सप्ताह का समय लगेगा। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को 3 हफ्तों का समय नियमों के संशोधन की प्रगति रिपोर्ट को पेश करने के लिए दिया था।

23 जनवरी को बदलेगा नियम, 8 फरवरी को रिपोर्ट होगी पेश

अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने बताया कि कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए बताया गया कि हाई स्कूल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के नियमों में संशोधन के लिए अंतरिम कमेटी की बैठक 23 जनवरी 2025 को है और इसी तारीख को नियमों में संशोधन कर दिया जाएगा। साथ ही एससी(SC), एसटी(ST) ओबीसी (OBC)वाले अभ्यर्थियों को परसेंटेज ऑफ मार्क्स में रिलैक्सेशन नहीं था उसमें भी कोर्ट के द्वारा पिछले आदेश में संशोधन करने का निर्देश राज्य शासन को दिया गया था। इसके अलावा सरकार मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी तक कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट को पेश करेगी।

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