JABALPUR. शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को आकार देने वाले शिक्षक जिनसे बच्चों के भविष्य के निर्माण की उम्मीदें होती हैं, वही शिक्षक स्कूल में सोते हुए मिले गए है। ये हैरान करने वाला मामला जबलपुर के शासकीय प्राथमिक शाला नंदग्राम मझौली से सामने या है। जहां के शिक्षक विनोद मांझी की गैर-जिम्मेदाराना हरकत सामने आई है। स्कूल में मस्त नींद ले रहे टीचर का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसने प्रशासन और समाज दोनों में गुस्सा बढ़ा दिया है। अब मामले में बीईओ ने लापरवाह टीचर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बच्चों को क्लास से बाहर कर सोते दिखे शिक्षक
प्रत्यक्षदर्शियों और वीडियो के अनुसार मझौली स्कूल के शिक्षक विनोद मांझी न केवल क्लासरूम में कपड़े उतारकर सो रहे थे, बल्कि उन्होंने बच्चों को भी क्लास से बाहर निकाल दिया था। उनकी यह हरकत वीडियो में स्पष्ट देखी जा सकती है। बच्चों के बस्तों को तकिया बनाकर, उन्होंने पूरी क्लास को अपने आराम का स्थान बना दिया। यह घटना शिक्षा विभाग के लिए शर्मनाक स्थिति उत्पन्न कर रही है, क्योंकि यह बच्चों की शिक्षा और अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
बीईओ ने टीचर को थमाया नोटिस
जब इस घटना की सूचना स्कूल प्रशासन और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी (BEO) अतुल चौधरी को मिली, तो उन्होंने तुरंत मामले में संज्ञान लिया और शिक्षक विनोद मांझी को शो कॉज नोटिस जारी किया। बीईओ ने स्पष्ट किया कि ऐसी लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और शिक्षक से इस अनुशासनहीनता के लिए जवाब मांगा गया है।
कार्रवाई की मांग और विभागीय जांच की तैयारी
मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। बीईओ अतुल चौधरी ने कहा है कि शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उच्च अधिकारियों को भी इस मामले की रिपोर्ट सौंपी जाएगी और इसके लिए विभागीय जांच की तैयारी की जा रही है। ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि शिक्षक का यह आचरण शिक्षा के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
समाज और अभिभावकों में गुस्सा
इस घटना ने समाज में भी गंभीर आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। अभिभावकों का मानना है कि शिक्षकों को बच्चों का मार्गदर्शन करने और उनका भविष्य संवारने की जिम्मेदारी दी गई है, न कि अपनी नींद पूरी करने की। इस घटना ने अभिभावकों में शासकीय विद्यालयों की शिक्षण गुणवत्ता को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना शिक्षा प्रणाली की जिम्मेदारियों पर एक गंभीर सवाल उठाती है। एक शिक्षक के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार ने बच्चों के भविष्य को खतरे में डालने का प्रयास किया है। ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई और अनुशासनात्मक कदम आवश्यक हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
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