कुलपति की नियुक्ति को लेकर NSUI का प्रदर्शन, गधे को खिलाया च्यवनप्राश

जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेश वर्मा की नियुक्ति को लेकर एनएसयूआई ने विरोध जताया है। एनएसयूआई का आरोप है कि कुलपति इस पद के योग्य नहीं हैं। उनके पास कुलपति बनने के लिए आवश्यक अनुभव और योग्यता नहीं है।

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Neel Tiwari
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MP Jabalpur NSUI protested against the appointment of RDVV Vice Chancellor
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JABALPUR. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( एनएसयूआई ) ने जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ( RDVV ) के कुलपति की नियुक्ति को फर्जी बताया है। एनएसयूआई द्वारा नियुक्ति को लेकर लगातार नियुक्ति का विरोध किया जा रहा है। अब च्यवनप्राश और गधे को लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया।

पद के योग्य नहीं हैं कुलपति

एनएसयूआई लगातार रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेश वर्मा की नियुक्ति का विरोध कर रही है। एनएसयूआई का आरोप है कि कुलपति इस पद के योग्य नहीं हैं। क्योंकि उनके पास कुलपति बनने के लिए जरूरी एक्सपीरियंस और योग्यता नहीं है। एनएसयूआई ने यह भी बताया कि 2008 में पीएचडी करने के बाद 2009 में प्रोफेसर बन जाते हैं और इतना कम अनुभव होने बाद भी इन्हें कुलपति बना दिया जाता है।

कुलपति के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन

NSUI ने मंगलवार को कुलपति के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। NSUI के कार्यकर्ता अपने साथ गधा और च्यवनप्राश लेकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय पहुंचे थे। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रो. राजेश वर्मा को कुलपति पद पर नियुक्त करना ऐसा ही है, जैसे गधे को च्यवनप्राश खिलाना।

जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने बताया कि कुलपति सप्ताह में केवल दो दिन विश्वविद्यालय में मौजूद रहते हैं बाकी के दिनों में वह विश्वविद्यालय से नदारत रहते हैं। उनके ऊपर लगातार अनुभव न होने के भी आरोप लग रहे हैं। उन्हें बताया कि UGC (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन) के नियम के अनुसार PHD करने के बाद कम से कम 10 साल के अनुभव होने पर प्रोफेसर बनाया जाता है। लेकिन प्रो. राजेश वर्मा के पास केवल 3 महीने का ही अनुभव है। उन्होंने इस नियुक्ति को फर्जी बताते हुए कुलपति के इस्तीफे की मांग की है और इस्तीफा न दिए जाने पर NSUI के द्वारा उग्र आंदोलन कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

पहले भी लगाए जा चुके हैं पैसों की दम पर कुलपति बनने के आरोप 

एनएसयूआई के द्वारा कुलपति की नियुक्ति के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। बीते दिनों छात्र संगठन के द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि प्रो. राजेश वर्मा की कुलपति पद पर नियुक्ति नियमों के खिलाफ जाकर की गई है। कुलपति के द्वारा इस पद को पैसे के बल पर हासिल किया गया है। साथ ही यह नियुक्ति विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन करती है। एनएसयूआई ने नकली नोटों से भरा बैग कुलपति के सामने खोल कर अपना विरोध दर्ज कराया था। इसके साथ कुलपति प्रो. राजेश वर्मा को अपात्र बताया था इस्तीफे की मांग की थी।

प्रदर्शन करने का तरीका उचित नहीं

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल के डीन प्रोफेसर राकेश वाजपेई ने बताया कि इस प्रकार के प्रदर्शन उचित नहीं है। शांति और शिष्टता के साथ भी अपनी बात को रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति राज्यपाल के द्वारा की जाती है और इस मामले में किसी भी प्रकार का निर्णय उन्हीं के द्वारा लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि कुलपति विश्वविद्यालय में मौजूद नहीं है उनके आने के बाद सारी जानकारी उन तक पहुंचा दी जाएगी।

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