निजी स्कूलों की मनमानी, 52 हजार छात्रों से 31 करोड़ की अवैध फीस वसूली

मध्य प्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूलों ने नियमों के ढेंगा दिखाते हुए 31 करोड़ 51 लाख रुपए की अवैध फीस वसूली कर डाली है। अब मामले में खुलासे के बाद अभिभावकों में आक्रोश देखा जा रहा है।

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Neel Tiwari
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MP Jabalpur private schools collected illegal fees from students
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जबलपुर जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पांच प्रमुख निजी स्कूलों ने फीस के नाम पर छात्रों और अभिभावकों से 31 करोड़ 51 लाख रुपए की अवैध वसूली की है। कलेक्टर दीपक सक्सेना (Collector Deepak Saxena) के निर्देश पर की गई जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया कि इन स्कूलों ने सत्र 2024-25 में नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने ढंग से फीस में वृद्धि की थी।

जांच में चौंकाने वाले खुलासे

जांच रिपोर्ट के अनुसार, पांचों स्कूलों ने 52 हजार 480 बच्चों से निर्धारित फीस से ज्यादा फीस ली। जांच समिति ने नर्सरी से लेकर 12वीं तक की फीस का विस्तृत जांच की। जांच के बाद प्रत्येक स्कूल पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। कलेक्टर ने आदेश दिया है कि जुर्माने की राशि तीन दिनों के भीतर जमा कराई जाए। जांच में सामने आए पांचों स्कूलों द्वारा अवैध वसूली का ब्योरा इस प्रकार है।

इन स्कूलों की वसूली का आंकड़ा

1. सेंट अगस्टीन स्कूल, लम्हेटाघाट

  • छात्र संख्या: 8 हजार 240
  • अवैध फीस वसूली: 4 करोड़ 76 लाख रुपए

2. सेंट्रल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विजय नगर

  • छात्र संख्या: 8 हजार 330
  • अवैध फीस वसूली: 3 करोड़ 86 लाख रुपए

3. एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल, हाथीताल

  • छात्र संख्या: 13 हजार 149
  • अवैध वसूली: 7 करोड़ 19 लाख रुपए

4. आदित्य कान्वेंट स्कूल

  • छात्र संख्या: 10 हजार 75
  • अवैध वसूली: 5 करोड़ 3 करोड़

5. अशोका हॉल जूनियर एंड हाईस्कूल

  • छात्र संख्या: 12 हजार 686
  • अवैध वसूली: 10 करोड़ 67 लाख रुपए 

फीस वृद्धि के नियमों की अनदेखी

जिला समिति ने नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के लिए फीस निर्धारण किया था, लेकिन इन स्कूलों ने निर्धारित नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी मर्जी से फीस में बढ़ोतरी की। सत्र 2024-25 के दौरान प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में इन अनियमितताओं की पुष्टि हुई।

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कलेक्टर का सख्त रुख

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पांचों स्कूलों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि ऐसी शिकायतें दोबारा सामने आईं, तो और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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अभिभावकों में रोष

स्कूलों के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाई के बाद भी अभिभावकों में आक्रोश देखा जा रहा है। कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली उनके आर्थिक बोझ को बढ़ा रही है। जिला प्रशासन ने फीस वसूली में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी फीस संरचना जिला समिति को प्रस्तुत करें और किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचें। जबलपुर में लगातार की जा रही कार्रवाई शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती व्यावसायिकता का उदाहरण है।

जिला प्रशासन की यह कार्रवाई छात्रों और अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि कार्रवाई के बाद भी निजी स्कूल कोर्ट की शरण मे जाकर इसे ही हथियार बनाकर लगातार मनमानी कर रहे हैं। यही वजह है कि अब अभिभावकों की ओर से भी अब मध्य प्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन ने अब कोर्ट में हस्तक्षेप किया है।

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