RSS चीफ बोले-पश्चिमी देशों का विकास अधूरा, भारत की ओर देख रही दुनिया

जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुत्व सत्य, करुणा, शुचिता और तपस्या पर आधारित धर्म है। जिसे विश्व कल्याण के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।

Advertisment
author-image
Neel Tiwari
एडिट
New Update
MP Jabalpur RSS chief Mohan Bhagwat speaks on Hindutva
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने ‘विश्व कल्याण के लिए हिंदुत्व की प्रासंगिकता’ पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि विश्व आजकल अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। भारत, अपने सांस्कृतिक धरोहर के माध्यम से समग्र कल्याण का मार्ग दिखा सकता है। डॉ. मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि विश्व आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है, जो आध्यात्मिकता के बल पर शांति और संतुलन का संदेश दे सकता है। योगमणि ट्रस्ट जबलपुर के तत्वावधान में आयोजित स्मृति प्रसंग के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक ने वर्तमान में विश्व कल्याण के लिए हिंदुत्व की प्रासंगिकता के विषय पर अपने विचार रखे।

दो विचारधारा में बंट गई मानवता

डॉ. मोहन भागवत ने आधुनिकता के दौरान पश्चिमी देशों द्वारा किए गए विकास पर प्रकाश डालते हुए यह विकास अधूरा रहा है। धर्म और राजनीति को व्यावसायिक स्वरूप देने के बाद, वैज्ञानिक युग में यह शस्त्रों के व्यापार में बदल गया, जिसका परिणाम विनाशकारी विश्व युद्धों के रूप में सामने आया। उनके अनुसार इससे ना केवल विनाश हुआ, बल्कि मानवता दो विचारधारा में बंट गई है। आस्तिक और नास्तिक और इस विभाजन ने संघर्ष को और बढ़ाया। इसी कारण अब संपूर्ण विश्व आत्मिक शांति के लिए भारत की ओर देख रहा है, जो आध्यात्मिकता और भौतिकता के बीच संतुलन बनाए रखने की शिक्षा देता है।

RSS chief Mohan Bhagwat

हिंदू धर्म समग्रता और मानवता पर आधारित

आरआएएस के सरसंघचालक ने आगे कहा कि भारतीय जीवन दर्शन विद्या और अविद्या दोनों के संतुलन को महत्व देता है, और यही संतुलन भौतिक और आध्यात्मिक जीवन को परिपूर्ण बनाता है। हिंदू धर्म में अतिवाद और कट्टरता के बिना, समग्रता को अपनाने की शक्ति है। पश्चिमी अवधारणाओं में कट्टरता और अतिवादिता देखी जाती है, जो स्वार्थ के कारण उत्पन्न होती है, जबकि हिंदुत्व का दृष्टिकोण समग्रता और मानवता की भलाई पर आधारित है।

विविधता में एकता का संदेश

उन्होंने आगे कहा कि "सृष्टि का आधार एक ही सत्य पर आधारित है, और सनातन धर्म ही हिंदू धर्म है जो सभी विषयों को एकाकार दृष्टि से देखता है।" विविधता में एकता का संदेश देते हुए मोहन भागवत ने बताया कि भारत के प्राचीन ग्रंथों में 'हिंदू' शब्द का उल्लेख है, लेकिन इसे पहली बार गुरु नानक देव जी ने सर्वसमाज में प्रचलित किया था। उन्होंने हिंदुत्व को सत्य, करुणा, शुचिता और तपस्या पर आधारित धर्म बताया, जिसे विश्व कल्याण के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में आरएसएस के दृष्टिकोण के माध्यम से हिंदुत्व के मूल तत्वों को सामने रखा, जिसमें भारतीय संस्कृति की समग्रता और विश्व कल्याण में इसकी भूमिका को विस्तार से समझाया गया।

कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित

इस अवसर पर मंच पर आरएसएस के प्रांत संघचालक डॉ. प्रदीप दुबे, योगमणि ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार, अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख दीपक विसपुते, क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी, सह क्षेत्र प्रचारक प्रेमशंकर सिदार, प्रांत प्रचारक ब्रजकांत, मध्य प्रदेश शासन के मंत्री प्रह्लाद पटेल, राकेश सिंह सहित नगर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

एमपी न्यूज जबलपुर न्यूज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य प्रदेश RSS चीफ मोहन भागवत हिंदुत्व MP में मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत