JABALPUR. तिरुपति से निकली श्रीराम महायंत्र की विशाल रथयात्रा बुधवार 13 नंवबर को संस्कारधानी जबलपुर पहुंच रही है। इस दौरान शहर में श्रद्धा का महासंगम देखने को मिलेगा। इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ( Collector Deepak Saxena) ने जानकारी दी कि रथयात्रा का स्वागत गरिमामय तरीके से बरगी से आगे जबलपुर की सीमा पर किया जाएगा। प्रशासन और पुलिस से अपील की गई है कि वे इस आयोजन को भव्यता से संपन्न करें ताकि यह आयोजन एक ऐतिहासिक स्मृति बने।
अयोध्या राम मंदिर में प्रतिष्ठित होगा महायंत्र
बता दें कि कांची में निर्मित यह श्रीराम महायंत्र, जो कि 180 किलो का स्वर्णमंडित है, यह धार्मिक आस्था का प्रतीक है और तिरुपति से जबलपुर की इस यात्रा का उद्देश्य इस महायंत्र को अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रतिष्ठित करना है।
श्रीराम महायंत्र की विशाल रथयात्रा को लेकर मंगलवार को कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें रथयात्रा के सफल आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, अपर कलेक्टर मिशा सिंह सहित प्रशासन के अन्य अधिकारी शामिल हुए।
भव्य स्वागत और सार्वजनिक सभा का होगा आयोजन
शहर की पवित्र धरोहर पिसनहारी की मढ़िया के समीप रथ का आगमन शाम 4:30 बजे होगा, जहां श्रीराम महायंत्र के दर्शन के लिए शहरवासी और जनप्रतिनिधि एकत्रित होंगे। रथयात्रा के मार्ग को विशेष रूप से सजाया जा रहा है, जिससे जनता को महायंत्र का दिव्य दर्शन प्राप्त हो सके। रथ का सफर सूपाताल, छोटीलाइन, बंदरिया तिराहा होते हुए प्रसिद्ध गौरीघाट पहुंचेगा। यहां साधु-संतों के साथ लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और अन्य गणमान्य श्रीराम महायंत्र की पूजा-अर्चना करेंगे।
रात्रि विश्राम के बाद कटनी को प्रस्थान करेगा रथ
रथयात्रा जबलपुर में रात्रि विश्राम के लिए सर्किट हाउस पहुंचेगी, जहां श्रद्धालुओं को दर्शन का और अवसर मिलेगा। दूसरे दिन सुबह करीब 10 बजे महायंत्र रथ कटनी की ओर प्रस्थान करेगा।
श्रीराम महायंत्र का सांस्कृतिक महत्व
श्रीराम महायंत्र को इस रथयात्रा में देखने का अवसर शहरवासियों के लिए अत्यंत दुर्लभ और भाग्यशाली पल है। संस्कारधानी जबलपुर में इस आयोजन के माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाएं पुनः जाग्रत होंगी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में स्थापना के लिए जा रहा यह महायंत्र श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति का प्रतीक है।
संस्कारधानी के नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस ऐतिहासिक रथयात्रा का हिस्सा बनकर श्रीराम महायंत्र के दर्शन का लाभ उठाएं और इस आयोजन में अनुशासन और श्रद्धा का परिचय दें।
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