BHOPAL. मध्य प्रदेश के खरगोन से शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती हुई तस्वीरें सामने आई है। यहां स्कूल भवन के जर्जर होने के चलते अनुपयोगी शौचालय में बैठाकर मासूम बच्चों की क्लास लगाई गई। शौचालय में बैठकर पढ़ाई करते बच्चों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। अब इस मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जन शिक्षक और प्रभारी प्रधान अध्यापक को निलंबित कर दिया है।
जानें पूरा मामला
पूरा मामला झिरन्या ब्लॉक के बेड़छा गांव के शासकीय प्राथमिक स्कूल है। यहां बच्चों को शौचालय में बगैर टाट-पट्टी के बैठाकर पढ़ाई कराई गई थी। शौचालय में बच्चों की क्लास लगाने की सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल हुई। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और जांच के निर्देश दिए।
मामले में कलेक्टर ने कराई जांच
मामले में बड़वाह एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच की। जांच रिपोर्ट कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को सौंपी गई। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर जन शिक्षक कमलेश रेवल और प्रभारी प्रधान अध्यापक अरविंद व्यास को निलंबित कर दिया गया।
स्कूल में नशे में थे टीचर
शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में 24 अगस्त को शौचालय में बैठाकर पढ़ाने के दौरान शिक्षक अरविंद व्यास के नशे में होने की पुष्टि हुई है। साथ ही सामने आया है कि शिक्षक अरविंद व्यास नियमित स्कूल नहीं आते थे। वहीं जन शिक्षक कमलेश रेवल ने स्कूल की उचित मॉनिटरिंग नहीं की।
मामले में क्या बोले DEO
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी शैलेंद्र कानुडे का कहना है कि इस स्कूल में प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चों को बैठते थे। गेस्ट टीचर परसराम कवचे 15 दिन से स्कूल नहीं आया था। बारिश और जर्जर भवन के मद्देनजर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साहाबाई ने बच्चों को स्कूल के सामने शौचालय भवन में बैठा दिया था। दरअसल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आंगनबाड़ी भवन की आवश्यकता थी। इसलिए कार्यकर्ता ने बच्चों को बैठाकर फोटो खींचे और इसी आधार पर भवन की मांग भी की।
अधिकारी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि जन शिक्षक कमलेश रेवल ने स्कूल की सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं की। जांच के दौरान प्रभारी प्रधान पाठक अरविंद व्यास नशे में पाए गए थे। उन्होंने आगे बताया गेस्ट टीचर परसराम कवचे और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहाबाई चौहान के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा गया है।
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