मध्य प्रदेश में अब किसानों को सरकारी अनुदान के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। दरअसल उन्हें अब ई-रुपी की सुविधा दी जाएगी इसके माध्यम से ही अनुदान राशि मिलेगी। अनुदान वाली योजनाओं से बीज, खाद या उपकरण खरीदने के लिए किसान के नाम से ही ई-रुपी जारी होगा।
क्या होगा लाभ
जानकारी के मुताबिक जब किसान बीज या खाद लेने जाएगा तो सहकारी समिति या अधिकृत विक्रेता को ई-रुपी वाउचर बताएगा। इसे स्कैन करने पर किसान के मोबाइल पर एक वन टाइम पासवर्ड ( ओटीपी ) आएगा, इसके माध्यम से विक्रेता के खाते में राशि का भुगतान हो जाएगा। आपको बता दें कि इस व्यवस्था का लाभ यह होगा कि जिस किसान के नाम पर अनुदान स्वीकृत हुआ है, उसे ही लाभ मिलेगा। किसान के नाम से अन्य लोगों द्वारा गड़बड़ी की संभावना समाप्त होगी। साथ ही, जिस वस्तु के लिए सरकार अनुदान दे रही है, वही खरीदी जा सकेगी। हालांकि नकदी देने पर इसके भी दुरुपयोग के मामले सामने आते थे।
जानें कब होगी व्यवस्था लागू
जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। इसी के साथ रायसेन और नर्मदापुरम जिले में पायलट प्रोजेक्ट चलाकर भी देख लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने अनुदान की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए ई-रुपी व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी राज्यों से कहा था। साथ ही मध्य प्रदेश के कृषि विभाग ने इस नवाचार को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी कर ली है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ( Chief Minister Mohan Yadav ) से अनुमोदन लेकर व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी लगभग दो वर्ष से चल रही थी।