Madhya Pradesh में MP MLA नहीं चाहते सहकारिता के चुनाव !
लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश की मोहन सरकार धर्म पथ पर चल पड़ी है। विधानसभा में पेश हुए 1 लाख 45 हजार करोड़ के अंतरिम बजट में धर्म का खास ख्याल रखा गया है। यह अंतरिम बजट अगले चार महीने यानी 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक के लिए है।
मध्यप्रदेश में सहकारी सिस्टम की कमर टूट गई है...कमर टूटने की वजह है पिछले 15 सालों से सहकारी संघों के चुनाव न होना....आलम यह हो गया है कि सारे सहकारी बैंक और संघ प्रशासकों के भरोसे चल रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार और बीजेपी संगठन भी इन चुनावों को लेकर गंभीर दिखाई नहीं देता है...हाल ही में मप्र हाईकोर्ट ने सरकार से इस संबंध में जवाब भी मांगा है।