मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र एक जुलाई से शुरू होगा। सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार इस दौरान पूर्ण बजट पेश करेगी। वहीं सरकार खुले बोरवेल में गिरकर बच्चों की मौत के मामले में सख्ती दिखाते हुए एक विधेयक भी पेश करने की तैयारी में है। इसके अलावा सरकार मानसून सत्र में अलग- अलग विभागों के 11 विधेयक लाने की तैयारी कर रही है।
बोरवेल से हादसे रोकने वाला बिल शामिल
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश की मोहन सरकार खुले बोरवेल की वजह से बच्चों की मौत के मामले पर सख्त कदम उठाने जा रही है। इसके तहत अगर कहीं पर बोरवेल खुला मिलता है या फिर कोई अनहोनी होती है तो उसमें मालिक के साथ- साथ जिम्मेदार अधिकारियों को भी सजा मिलेगी। मानसून सत्र में खुले बोरवेल के लिए सख्त कानून बनाने संबंधी विधेयक पेश किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनेगा, जो खुले बोरवेल को लेकर नया कानून लाएगा।
सत्र में लाएंगे 11 विधेयक
केबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश स्थानीय प्राधिकरण (निर्वाचन अपराध) अधिनियम 1964 (अद्यतन 2014) में संशोधन विधेयक, मध्यप्रदेश नगर पालिका (संशोधन) विधेयक 2024 और मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक, 2024 को विधानसभा में पुर्नस्थापित करने की मंजूरी दी जा चुकी है।
कुछ दिन पहले मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में सभी विभाग प्रमुखों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक हुई थी। इस बैठक में विधानसभा में 11 विधेयक लाए जाने की जानकारी दी गई थी।
खुले बोरवेल के लिए बनेगा सख्त कानून
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार खुले बोरवेल की वजह से बच्चों की मौत के मामले पर सख्त कदम उठाने जा रही है। इसके बाद यदि कहीं भी बोरवेल खुले होने या किसी अनहोनी की खबर मिलती है तो ने पर न केवल आम लोगों बल्कि उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसका दंड भुगतना होगा। विधान सभा के इसी मानसून सत्र में खुले बोरवेल के लिए सख्त कानून बनाने संबंधी विधेयक पेश किया जाएगा। बता दें कि इसके बाद मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनेगा, जो खुले बोरवेल को लेकर नया कानून लाएगा।
विधायकों ने भेजे कुल 4500 प्रश्न
जुलाई में मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र है। एक जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के लिए विधायकों ने कुल 4500 प्रश्न भेजे हैं। इनमें करीब 70% ही ऑनलाइन मिले हैं। अब प्रश्न भेजने की तारीख खत्म हो गई है।
कौन मंत्री किस विभाग का जबाव देगा
- कृष्णा गौर : सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित जवाबों के उत्तर देंगी.
- धर्मेन्द्र सिंह लोधी : नर्मदा घाटी विकास, जनसंपर्क.
- गौतम टेटलवाल : विधिा एवं विधायी कार्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- नरेन्द्र शिवाजी पटेल : गृह, जेल.
- प्रतिमा बागरी : प्रवासी भारतीय, विमानन.
- दिलीप अहिरवार : खनिज साधन, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन.
- राधा सिंह : आनंद, लोक सेवा प्रबंधन
बजट के लिए सरकार ने मांगे थे जनता से सुझाव
बजट के लिए सरकार ने जनता से सुझाव मांगे थे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर MP MY Gov आईडी से पोस्ट कर लिखा था कि विकसित भारत बनेगा विकसित मध्य प्रदेश। मध्यप्रदेश बजट 2024- 25 के लिए आपके सुझाव #MPMYGov के माध्यम से साझा करें। आपके सुझाव बजट निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections 2024 ) के चलते इस बार मानसून सत्र में बजट पेश किया जाएगा।
जनता की राय और एक्सपर्ट की सलाह होगी शामिल
वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने बताया कि हमने परंपरा विकसित की है कि आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों तथा विषय विशेषज्ञों की वैचारिक भागीदारी शामिल की जाएगी। उन्हीं से मिले सुझावों के आधार पर प्रदेश के बजट को प्रगतिशील स्वरूप दिया जाए।
यह निरंतर तीसरा वर्ष है जब हम फिर से सभी के बहुमूल्य सुझावों के आधार पर प्रदेश का बजट पेश करेंगे। यह अधिक विकसित, उन्नति, लोक कल्याणकारी और परिणामजनक बनाने का कार्य करेंगे। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का यह बजट एक जनकल्याणकारी, जनहितैषी और सर्वसमावेशी बजट होगा। यह पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) के नेतृत्व में मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर, विकसित और समृद्ध बनाने के हमारे संकल्प को मजबूत करेगा।
एमपी का मानसून सत्र
एमपी मानसून सत्र की बैठकें 1 से 5 जुलाई तक लगातार चलेंगी। 6 और 7 जुलाई को शनिवार-रविवार के चलते अवकाश रहेगा। इसके बाद 13-14 जुलाई और 17 जुलाई को अवकाश रहेगा। सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। लोकसभा चुनावों के बाद होने वाला यह सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं।
सबसे ज्यादा बजट ‘लाड़ली बहना’ के लिए
माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र में सबसे ज्यादा बजट महिला एवं बाल विकास विभाग का होगा। इसमें भी सबसे अधिक राशि का प्रावधान महिलाओं को सशक्त बनाने की खातिर किया जाएगा। अभी हर महीने करीब 1800 करोड़ रुपए की राशि लाड़ली बहना योजना के तहत बैंक खातों में सीधे दी जा रही है।
फरवरी में लाए थे लेखानुदान
राज्य सरकार फरवरी में पूर्ण बजट लेकर नहीं आई। सरकार लेखानुदान लेकर आई थी। जानकारों ने बताया कि इसका कारण केंद्र की तरफ से योजनाओं और प्रोग्राम के लिए राज्य को मिलने वाले राज्यांश में देरी कारण रहा। केंद्र सरकार ने भी लोकसभा चुनाव के चलते लेखानुदान लेकर आई। अब वह भी जुलाई में पूर्ण बजट पेश कर सकती है। लेखानुदान में सरकार पूर्ण बजट पेश होने तक राज्य सरकार के खर्चों और योजनाओं के संचालन के लिए राशि को स्वीकृति देती है।
इतने करोड़ का हो सकता है बजट
सरकार का 2024-25 का पूर्ण बजट का अनुमान 3.48 लाख करोड़ है। इसमें लेखानुदान के 1.45 लाख करोड़ रुपए भी शामिल होगा। अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व प्राप्तियां 2.52 लाख करोड़ रुपए आंकी गई हैं। इसमें राज्य कराधान से आय 96 हजार करोड़ रुपए है।
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