कमलेश सारडा@ neemuch
मध्य प्रदेश की नीमच पुलिस ने विदेश से चल रहे अंतराष्ट्रीय ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नीमच पुलिस ने आरोपियों को राजस्थान के जयपुर और जोधपुर से पकड़ा है। जिनके पास से 11 लाख 18 हजार रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन, सीपीयू, लैपटॉप, पासपोर्ट सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है।
ज्यादा मुनाफे का लालच देकर करते थे ठगी
यह शातिर ठगों का गिरोह फॉरेक्स मनी एक्सचेंज की आड़ में संचालित किया जा रहा था। आरोपी टेलीग्राम के माध्यम से कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच देकर ठगी को अंजाम देते थे। इस लोगों ने अलग- अलग स्थानों के 150 से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल किया। नीमच में हुई धोखाखड़ी के मामले में भी बैंक खातों की जांच की जा रही है। वहीं, किप्टो ट्रेडिंग एप के माध्यम से आरोपियों द्वारा करोड़ों रूपए के USDT (क्रिप्टो करेंसी) का लेन-देन किया गया है।
इस तरह ठगी को अंजाम दे रहा था गिरोह
पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि बघाना निवासी पियुष कुमार ने धोखाधड़ी को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। शिकायत में बताया था कि नीमच निवासी निखिल राव और जयपुर निवासी मित्र शुभम ने बैंक में सिविल खराब होने की बात कहते हुए नया व्यवसाय खोलने के लिए नया खाता खोलने की बात की थी। इसके बाद भरोसे में आकर पियुष ने युको बैंक नीमच में खाता खुलवाकर पासबुक, एटीएम और खाते से लिंक मोबाईल नंबर की सिम निखिल और शुभम को दी थी। इसके बाद बैंक से पता चला कि निखिल और शुभम ने खाते के माध्यम से अवैध लेनदेन किया है। दोनों ने झूठ बोला और मेरे खाते में धोखे के रूपयों का लेनदेन किया। मामले में पीड़ित की शिकायत के बाद बधाना थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था।
मामले में पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल ने मामले में पुलिस टीम का गठन करते हुए जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस ने जांच करते हुए जोधपुर के मनीष विश्नोई और जयपुर के शुभम भट्ट को हिरासत में लेकर पुछताछ की तो सामने आया कि शुभम ने नीमच के निखिल राव समेत कई लोगों को कमीशन और रूपयों का लालच देकर उनके नाम पर कई बैंकों में खाते खुलवाए है। साथ ही पासबुक, चेकबुक और मोबाईल नंबर मनीष विश्नोई दिए थे। मनीष फॉरेक्स मनी एक्सचेंज में काम करता कर रहा था, इसके एवज में मनीष ने शुभम को 25 हजार रूपए प्रति खाता देता था।
टेलीग्राम एप के माध्यम से धोखाधड़ी
मनीष ने खुलासा किया कि वह और उसके साथी फर्जी बैंक खातों में फॉरेक्स मनी एक्सचेंज (एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा से बदलना) के ऑफिस में विदेश में बैठे संचालक द्वारा टेलीग्राम एप के माध्यम से धोखाधड़ी को अंजाम देते थे। वह भोले भाले लोगों को कम समय में ज्यादा मुनाफा देने का लालच देकर पैसा निवेश कराते थे। लोगों से फर्जी खातों में पैसा ट्रांसफर कराया जाता था। इसके बाद एटीएम, नेट बैंकिंग और अन्य ऑनलाईन तरीके से कैश निकाल कर अन्य खातों में एटीएम कैश डिस्पेंसर मशीन के माध्यम से जमा करवाई जाती थी। इस तरह ठगी को अंजाम दिया जाता था। पुलिस ने ठगी मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में कबूली धोखाधड़ी को अंजाम देना कबूल किया है।
गिरोह के 119 बैंक खाते सीज
मामले में पुलिस ने राजस्थान में दबिश देते हुए आरोपियों के कब्जे से 11 लाख 18 हजार 610 रुपए कैश समेत कई बैंकों के 44 एटीएम कार्ड, 10 चेकबुक, 11 पासबुक, 3 सीपीयू, 1 लेपटॉप, 28 मोबाईल, 2 एटीएम स्वैप मशीन, 8 सिम कार्ड सहित कई बैंकों की एटीएम डिस्पेंसर कैश जमा पर्ची जब्त की है। साथ ही गिरोह के 119 बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं।
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