1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना को मध्यप्रदेश का नया डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले उनके नाम को मंजूरी दी। मकवाना अपने तेजतर्रार और बेदाग छवि के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए भी जाने जाते हैं।
उज्जैन के रहने वाले हैं मकवाना
जानकारी के अनुसार, कैलाश मकवाना मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के रहने वाले हैं। मकवाना ने भोपाल स्थित मैनिट (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) से पढ़ाई की है। वे पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन के साथ-साथ लोकायुक्त संगठन में डीजी और स्पेशल डीजी (सीआईडी और इंटेलिजेंस) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
ईमानदार और साफ छवि वाले अधिकारी
मकवाना को उनकी ईमानदार और साफ छवि के लिए जाना जाता है। एक कर्मठ और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में, उनकी नियुक्ति से राज्य की कानून व्यवस्था और मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है। कैलाश मकवाना ने पुलिस सेवा में अपने शुरुआती कार्यकाल में विभिन्न जिलों में एसपी और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी ने उन्हें तेजी से पहचान दिलाई।
लोकायुक्त में डीजी
शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यकाल में मकवाना को लोकायुक्त संगठन में पुलिस महानिदेशक (डीजी) नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों को तेज किया और कई लंबित मामलों की जांच फिर से शुरू की। हालांकि, वे इस पद पर केवल छह महीने तक रहे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
लोकायुक्त के डीजी रहते हुए उन्होंने कई लंबित जांच फाइलों को फिर से खोला और उन पर तेजी से कार्रवाई शुरू की।
एनके गुप्ता से विवाद आया था चर्चा में
2022 में कैलाश मकवाना को लोकायुक्त का डीजी बनाया गया था, लेकिन 6 माह के अंदर उन्हें पद से हटाकर मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया। बताया जा रहा था कि मकवाना और लोकायुक्त जस्टिस रहे एनके गुप्ता के बीच कई विषयों को लेकर मतभेद थे, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया था।
एसीआर विवाद
मकवाना ने लोकायुक्त डीजी रहते हुए अपनी एसीआर (गोपनीय चरित्रावली) खराब किए जाने की शिकायत की थी। उन्होंने सरकार से अपील की थी कि उनकी एसीआर को दुरुस्त किया जाए। वरिष्ठ सचिवों की कमेटी ने नियुक्ति प्रक्रिया से कुछ महीने पहले उनकी एसीआर सुधार दी।
पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन
वर्तमान में, मकवाना मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन के पद पर हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने पुलिस आवासीय योजनाओं और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए काम किया।
साढ़े तीन साल में हुए सात बार तबादले
कैलाश मकवाना का करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साढ़े तीन साल के भीतर उनका सात बार तबादला हुआ। खासकर, कमलनाथ सरकार के दौरान तीन बार उनकी पोस्टिंग बदली गई। उनके करियर में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण साढ़े तीन वर्षों में सात बार स्थानांतरण हुआ। इसके बावजूद वे अपने कार्यों में प्रतिबद्ध रहे।
कब-कब हुए तबादले
1.10 फरवरी 2019 एडीजी इंटेलीजेस
2.1 अक्टूबर 2019 एडीजी प्रशासन
3. 20 फरवरी 2020 एडीजी नारकोटिक्स
4. 31 मार्च 2020 एडीजी सीआईडी
5. 1 दिसंबर 2021 अध्यक्ष, मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन
6. 31 मई 2022 महानिदेशक, लोकायुक्त
7. 2 दिसंबर 2022 अध्यक्ष, मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन
मकवाना की नियुक्ति से उम्मीदें
कैलाश मकवाना की नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए, उनकी नियुक्ति से पुलिस विभाग में सुधार और राज्य की कानून-व्यवस्था में मजबूती आने की संभावना है।
नए डीजीपी के रूप में नियुक्ति
1 दिसंबर 2024 को कैलाश मकवाना मध्यप्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) का पदभार ग्रहण करेंगे। वे राज्य के 32वें डीजीपी होंगे और वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना की जगह लेंगे। उनकी सेवानिवृत्ति दिसंबर 2025 में होगी।
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