मध्य प्रदेश में नए जिले बनने से बदल जाएगा संभागों का नक्शा
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग का गठन किया है, जो राज्य के जिलों और संभागों का पुनर्गठन करेगा। तीन नए जिलों पिपरिया, सिरोंज और बीना की योजना है। निमाड़ को नया संभाग बनाने की तैयारी है। इससे प्रदेश के प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के जिलों, संभागों और तहसीलों का पुनर्गठन करने के लिए इस वर्ष सितंबर में प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया है। यह निर्णय राज्य के भीतर प्रशासनिक व्यवस्था को सरल और सुचारू बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। पुनर्गठन आयोग में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मनोज श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला सदस्य के रूप में शामिल हैं। इस आयोग ने भोपाल, सागर, और ग्वालियर संभाग के कलेक्टर्स के साथ पहले ही बैठकें कर ली हैं और अब अन्य संभागों के साथ भी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कुछ ऐसा होगा प्रदेश का नया नक्शा और नए जिले
प्रदेश का आंतरिक नक्शा इस पुनर्गठन के तहत बदलेगा। सरकार तीन नए जिलों और एक नए संभाग को अस्तित्व में लाने की तैयारी में है।
1- पिपरिया (Pipariya) को नर्मदापुरम (Narmadapuram) से अलग कर नया जिला बनाने का प्रस्ताव है। यह जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और वर्षों से इसे जिला बनाने की मांग की जा रही है।
2- इसी तरह सिरोंज (Sironj) को भी नया जिला बनाया जा सकता है, जिसमें लटेरी तहसील और आनंदपुर शामिल होंगे।
3- बीना (Bina) को भी जिला बनाने की लंबे समय से मांग है, जो अब पूरी हो सकती है। इस नए जिले में खुरई, बीना, मालथौन, बांदरी, और कुरवाई जैसी तहसीलें शामिल होंगी।
4. चित्रकूट (Chitrakoot) को सतना (Satna) जिले की नई तहसील के रूप में मान्यता दी जा चुकी है, जो 24 नवंबर को अस्तित्व में आएगी।
संभागीय सीमाओं में भी होगा बदलाव
प्रदेश का 11वां संभाग बनने की ओर अग्रसर निमाड़ (Nimar) क्षेत्र है। इसके लिए खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, और खंडवा जिलों को मिलाकर नया संभाग बनाने की योजना है। इससे इन जिलों की प्रशासनिक गतिविधियों के लिए इंदौर जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे समय की बचत और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुलभता आएगी।
पीथमपुर (Pithampur) औद्योगिक क्षेत्र, जो इंदौर से महज 26 किलोमीटर दूर है, उसे भी इंदौर जिले में शामिल किए जाने की योजना है। इससे पीथमपुर के व्यवसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा और इंदौर की औद्योगिक रफ्तार में भी इजाफा होगा।
पुनर्गठन की अंतिम समय सीमा
यह पुनर्गठन 2025 में होने वाली जनगणना से पहले ही संपन्न किया जाना है, क्योंकि दिसंबर के बाद प्रशासनिक सीमाओं में कोई बदलाव संभव नहीं होगा।
FAQ
मध्य प्रदेश में नए जिलों का पुनर्गठन क्यों किया जा रहा है ?
नए जिलों के गठन से प्रशासनिक सुविधाएं सरल होंगी और लोगों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
कौन से नए जिलों की स्थापना की जा सकती है ?
पिपरिया, सिरोंज और बीना नए जिलों के रूप में प्रस्तावित हैं।
निमाड़ को नया संभाग बनाने का क्या उद्देश्य है?
निमाड़ को संभाग बनाने से खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, और खंडवा जिलों के प्रशासनिक कार्य सुचारू होंगे।
पीथमपुर को इंदौर में शामिल करने से क्या लाभ होगा?
पीथमपुर के इंदौर में शामिल होने से औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी।
यह पुनर्गठन कब तक पूरा होने की संभावना है?
दिसंबर 2024 तक पुनर्गठन पूरा कर लिया जाएगा ताकि 2025 की जनगणना पर इसका प्रभाव न पड़े।