mp nursing scam : इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोका बर्खास्त

इंस्पेक्टर सुशील मजोका को नर्सिंग महाविद्यालयों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं से संबंधित प्रकरणों की जांच में सहायता के लिए सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था।

Advertisment
author-image
Marut raj
एडिट
New Update
mp nursing scam CBI द सूत्र
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

mp nursing scam : मध्य प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोका को बर्खास्त कर दिया गया है। सीबीआई दिल्ली की टीम ने उन्हें नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद डिपार्टमेंट ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। हाल ही में सीएम मोहन यादव ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया था।   

 रिश्वत के दो लाख रुपए बरामद किए थे

इंस्पेक्टर सुशील मजोका को नर्सिंग महाविद्यालयों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं से संबंधित प्रकरणों की जांच में सहायता के लिए सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था।  सुशील मजोका की ओर से रिश्वत की मांग करने एवं स्वीकार करने के बाद उनसे दो लाख रुपए नगद जब्त किए गए थे। वह वर्तमान में पुलिस कस्टडी में है।  

सीएम मोहन यादव ने दिए सख्ती के निर्देश

लोकसभा चुनाव के बीच नर्सिंग घोटाला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार की छवि खराब हुई है।
लिहाजा, अब CM Mohan Yadav ने आला अफसरों को अपराधियों के साथ सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए हैं। कानून व्यवस्था को लेकर पिछले दिनों हुई बैठक में सीएम यादव ने कहा था कि नर्सिंग घोटालों के दलालों की लिस्ट बनाई जाए। इसके बाद सिलसिलेवार ढंग से सभी पर कार्रवाई हो। कोई भी बचना नहीं चाहिए। 

 व्यापमं से जुड़े नर्सिंग घोटाले के तार 
दरअसल, मध्यप्रदेश में हाल ही में सामने आए नर्सिंग घोटाले के तार अब व्यापमं कांड से भी जुड़ रहे हैं। नर्सिंग घोटाले में पकड़े गए सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज का नाम 2017 में व्यापमं घोटाले के जांच अधिकारियों में शामिल था। चूंकि अब राहुल खुद नर्सिंग घोटाले में आरोपी है, ऐसे में उसकी भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। 

राहुल को गृह मंत्री से मिला था अवॉर्ड 
व्यापमं मामले में राज्य पुलिस ने पूरे मामले में साक्ष्य जुटाए थे। बाद में केस सीबीआई के पाले में गया। वर्ष 2017 में इंस्पेक्टर राहुल मुख्य किरदार बन गया। कई आरोपियों को क्लीनचिट मिल गई। इसके बाद सीबीआइ ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जिस सीबीआई अधिकारी राहुल राज ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच में धांधली की, उसने व्यापमं में कैसे जांच की होगी? कहीं रुपए लेकर तो आरोपियों को क्लीन चिट नहीं दी गई। सूत्रों की मानें तो अब फिर से व्यापमं की फाइल खुलेगी। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर राहुल राज के बड़े लोगों से कनेक्शन हैं। उसका अफसरों पर गहरा प्रभाव था। बता दें उसे गृहमंत्री अवॉर्ड भी मिला था।

 सीएम ने स्वयं संभाला मोर्चा 
नर्सिंग घोटाले की कहानी व्यापमं से जुड़ने के बाद अब कांग्रेस भी हमलावर है। इसी को लेकर सीएम मोहन यादव ने खुद मोर्चा संभाला है। बैठक में उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। इस पूरे मामले में जितने भी दलालों की भूमिका है, उन पर राज्य पुलिस भी सख्ती से कार्रवाई करेगी। 

 दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल 
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि व्यापमं घोटाले की निष्पक्ष जांच बीजेपी कभी नहीं कराएगी। जिन्होंने रिश्वत दी है, उन्हें सरकारी गवाह बनाना चाहिए और जिन्होंने रिश्वत ली है, उन्हें दण्ड मिलना चाहिए। बीजेपी के उस समय के बड़े नेता लगभग सभी व्यापमं घोटाले में अपराधी हैं। अब नर्सिंग घोटाले में स्वास्थ मंत्री के स्वयं शामिल होने की खबर है। 

 

CM Mohan Yadav सीएम मोहन यादव mp nursing scam नर्सिंग घोटाला नर्सिंग घोटाले की कहानी