MP nursing scam : जिन 169 नर्सिंग कॉलेजों को मिल चुकी थी क्लीन चिट, उनकी दोबारा होगी जांच, HC ने दिए आदेश

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े की जांच का मामला तूल पकड़ने लगा है। कॉलेजों में फर्जीवाड़े की जांच में गड़बड़ी के बाद हाईकोर्ट ने उन 169 कॉलेजों की जांच दोबारा करने के आदेश दिए हैं...

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
एडिट
New Update
SANDEEP 2024 Copy of STYLESHEET THESOOTR - 2024-05-29T073459.885.jpg
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े ( nursing scam ) की जांच में गड़बड़ी के बाद हाईकोर्ट ( High Court ) ने उन 169 कॉलेजों (169 colleges ) की जांच दोबारा करने के आदेश दिए हैं, जिन्हें सीबीआई (CBI ) ने अपनी जांच में सूटेबल ( पात्र ) बताया था। यही नहीं, इस जांच टीम के साथ जिले के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भी रहेंगे। पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। कॉलेजों के प्रिंसिपल, संचालक भी जांच के दौरान उपस्थित रहेंगे। दरअसल, सीबीआई अधिकारियों के रिश्वत लेकर कॉलेजों को क्लीन चिट देने के खुलासे के बाद से ही जांच प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे थे। इस बीच, हाई कोर्ट ने पुराने नियमों के अनुसार ही सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका पर मंगलवार यानी 28 मई को जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस संजय द्विवेदी व जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की बेंच ने सुनवाई करते हुए सीबीआई अधिकारियों की गड़बड़ी पर निराशा जताई।

ये खबर भी पढ़िए...whedar update : मध्य प्रदेश के इन जिलों में पारा 48 डिग्री पार

66 कॉलेज अपात्र

सीबीआई ने 308 नर्सिंग कॉलेजों में से जिन 66 कॉलेजों को अनसूटेबल ( अपात्र ) बताया था, राज्य सरकार ने उनकी मान्यता रद्द कर दी है। इनमें भोपाल के 6 नर्सिंग कॉलेज ( सविता कॉलेज ऑफ नर्सिंग, वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड नर्सिंग, रामराजा शंकर कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रोशन हॉस्पिटल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सांई आसरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग, द होली फेथ इंस्टटीयूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज ) शामिल हैं। चार कॉलेज पहले ही बंद हो चुके हैं। कलेक्टरों को इन नर्सिंग कॉलेजों को सील करने के निर्देश दिए गए हैं।

ये खबर भी पढ़िए...Indore Satta Bazar : मप्र की 29 सीटों में कौन किस पर भारी, जानें सटोरियों का रुझान

स्टूडेंट्स पर असर नहीं

नर्सिंग कॉलेज की मान्यता निरस्त होने से स्टूडेंट्स पर कोई असर नहीं होगा। वे मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा कराई जा रही नर्सिंग परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इनको आगे की पढ़ाई मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेज से करनी होगी। जांच के बाद जो रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपी जाएगी, उसकी एक प्रति याचिकाकर्ता को भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वह जांच के तथ्यों को अपने पास उपलब्ध डेटा से मिलान कर हाई कोर्ट में अपना पक्ष रख सके।

ये खबर भी पढ़िए...कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह ने भोपाल की रिवेरा टाउनशिप में किया अतिक्रमण! नोटिस जारी

सरकार को झटका, पुराने नियम से मिलेगी मान्यता

नर्सिंग काउंसिल ने हाई कोर्ट से सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी। इस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई कि सरकार ने जो नए नियम बनाए हैं, वे राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से नहीं हैं। इस पर हाई कोर्ट ने पुराने नियमों से ही मान्यता देने को कहा।

ये खबर भी पढ़िए...सीएम मोहन यादव का झारखंड , पंजाब में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए करेंगे जनसभाएं

बर्खास्त होने वाला दूसरा पुलिसकर्मी

अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को फिट बताने के लिए 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए मप्र पुलिस के सब इंस्पेक्टर सुशील मजोका को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। मजोका डेप्यूटेशन पर सीबीआई भोपाल में पदस्थ था। मजोका को 22 मई को सस्पेंड किया गया था। बता दें, नर्सिंग रिश्वतकांड के मास्टरमाइंड इंस्पेक्टर राहुल राज को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। मामले में कुल 23 आरोपी हैं। इस बीच, अब तक गिरफ्तार 13 आरोपियों की रिमांड बुधवार को खत्म हो जाएगी।

जबलपुर हाईकोर्ट सीबीआई High Court nursing scam मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े 169 कॉलेजों