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2024-25 सत्र में मध्यप्रदेश में एक भी नया नर्सिंग कॉलेज नहीं खोला जाएगा। राज्य की मोहन सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि इस साल सिर्फ पुराने कॉलेजों और सीबीआई जांच में पात्र पाए गए कॉलेजों को ही मान्यता दी जाएगी। आपको बता दें कि नर्सिंग घोटाले से जुड़ी मामलों की सुनवाई शुक्रवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में हुई, जहां लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर की थी।
नए कॉलेजों के लिए नहीं मिलेगा अवसर
मध्यप्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि नर्सिंग कॉलेजों से जुड़ी अनियमितताओं की जांच दो साल से सीबीआई द्वारा की जा रही है। इसलिए इस साल सिर्फ पुराने कॉलेजों के मान्यता नवीनीकरण के लिए पोर्टल खोला गया है।
सरकार के फैसले को चुनौती
दृष्टि द विजन एजुकेशन एंड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी छतरपुर ने सरकार के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें केवल पुराने कॉलेजों को मान्यता नवीनीकरण का अवसर दिया गया। याचिका में दावा किया गया था कि नए और पुराने कॉलेजों को समान अवसर मिलना चाहिए था, न कि केवल पुराने कॉलेजों को प्राथमिकता दी जाए।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद निर्णय लिया कि जब तक सीबीआई जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक सिर्फ उन्हीं कॉलेजों को मान्यता दी जाएगी जिनकी जांच हो चुकी है। इस मामले में याचिका को निरस्त कर दिया गया।
नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार पर टिप्पणी
याचिकाकर्ता ने उस फैसले को भी चुनौती दी थी, जिसमें एक इंस्पेक्टर को नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया था। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने को कहा और यह टिप्पणी की कि जिन अधिकारियों के कार्यकाल में गड़बड़ी हुई है, उन्हें जांच चलने तक जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए।
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