मध्य प्रदेश पुलिस को अब और आधुनिक बनाया जा रहा है। पुलिस प्रशिक्षण में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली जा रही है। इससे जवानों को नए माहौल में बेहतर तरीके से तैयार किया जाएगा। छोटे हथियारों के सिमुलेटर, AI आधारित ड्रिल सिस्टम और वर्चुअल फायरिंग रेंज जैसी तकनीकों को अब पुलिस ट्रेनिंग का हिस्सा बनाया जा रहा है।
एमपी कैबिनेट में भेजा जाएगा प्रस्ताव
राज्य पुलिस अब ऐसे सिस्टम का पायलट परीक्षण कर रही है, जो देश की सेना पहले से इस्तेमाल कर रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG ट्रेनिंग) राजा बाबू सिंह ने कहा कि प्रस्ताव को जल्द ही एमपी कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा, “आज जब लोग डिजिटल दुनिया में रहते और काम करते हैं, तो हमें भी तकनीक से लैस नई पुलिसिंग की जरूरत है।”
AI सिस्टम से होगी इस तरह की ट्रेनिंग
विस्तारित वास्तविकता (Extended Reality) आधारित वॉपन सिमुलेटर की मदद से जवान बिना किसी खतरे के वास्तविक हालात जैसे माहौल में ट्रेनिंग ले सकेंगे। जंगल, गांव, भीड़भाड़ वाले इलाके या आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र जैसे वातावरण तैयार किए जाएंगे ताकि जवानों को हर परिस्थिति के लिए तैयार किया जा सके।
इस तकनीक से जवानों को काउंटर-इंसर्जेंसी मिशन, एंबुश (घात) प्रोटोकॉल, और अन्य अहम ऑपरेशनों में भी प्रशिक्षण मिलेगा। अफसरों के मुताबिक, यह सिस्टम बिना असली गोला-बारूद के ट्रेनिंग देने में मदद करेगा, जिससे जोखिम भी कम होगा।
VR से खत्म होगी पुरानी ट्रेनिंग की सीमाएं
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वर्चुअल रियलिटी तकनीक पारंपरिक ट्रेनिंग की सीमाएं खत्म कर देगी। अब जवानों को बार-बार एक जैसे हालात में अभ्यास करने का मौका मिलेगा। इससे वे दबाव की स्थिति में भी बेहतर प्रतिक्रिया देना सीखेंगे। यह सिस्टम जवानों की व्यक्तिगत ट्रेनिंग जरूरतों के हिसाब से भी ट्रेनिंग तैयार करेगा। यानि हर कैडेट को उसकी परफॉर्मेंस और सुधार की जरूरत के अनुसार कोचिंग मिलेगी। इससे इंस्ट्रक्टर को बार-बार सुधार करने की बजाय मेंटरशिप पर ध्यान देने का समय मिलेगा।
फायरिंग रेंज भी होगी स्मार्ट
AI आधारित फायरिंग रेंज सिस्टम अब फिजिकल ट्रेनिंग से आगे की चीज है। यह सिस्टम निशानेबाजी, हथियारों की हैंडलिंग और सेफ्टी जैसे जरूरी पहलुओं को बेहतर बनाएगा। अभी की पारंपरिक रेंज में इंस्ट्रक्टर पर ज्यादा निर्भरता होती है और इंसानी गलती की संभावना भी रहती है, जिसे AI कम करेगा।
नए भर्ती के लिए गेम चेंजर साबित होगा AI
AI सिस्टम नए भर्ती के लिए बहुत कारगर रहेगा। इससे एक जैसी ट्रेनिंग, फिटनेस मानक और चोटों के खतरे का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा। साथ ही कैडेट्स की ट्रेनिंग प्रगति को ट्रैक करना भी आसान होगा। अब मैन्युअल या असंगत तरीका नहीं, बल्कि डेटा आधारित स्पष्ट ट्रैकिंग होगी।
डिजिटल होगी पूरी ट्रेनिंग
अधिकारियों ने बताया कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश पुलिस की ट्रेनिंग पूरी तरह से डिजिटल, सुरक्षित और ज्यादा असरदार बन जाएगी। AI और टेक्नोलॉजी आधारित ट्रेनिंग से पुलिस जवान हर चुनौती के लिए पहले से बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे।
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