एमपी पुलिस प्रदेश में अपराध रोकने के लिए सभी को जागरूक कर रही है। साथ ही इस में दिशा में निरंतर कार्रवाई कर रही है। ऐसे ही ग्वालियर पुलिस ने एक शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया है। जो खुद को केन्द्रीय मंत्री और उनके निज स्टाफ के नाम पर लोगों से विभागों में ट्रांसफर कराने का कहकर पैसे वसूल करता था।
लोकसेवकों से ठगी
आरोपी धार्मिक वेशभूषा में प्रभावी व्यक्तियों के साथ फोटो खिंचवाकर अपनी फेसबुक आईडी पर डालता था। जिसके बाद सामान्यजन और लोकसेवकों के साथ ठगी करता था।
ऐसे देता था वारदात को अंजाम
ग्वालियर की क्राइम ब्रांच के अनुसार पुष्पेन्द्र दीक्षित ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के ग्राम उदलपाड़ा का निवासी और वर्तमान में ग्राम टेकनपुर में रहता था। पुष्पेन्द्र दीक्षित(शर्मा) पुत्र प्रमोद शर्मा भारत सरकार के मंत्रियों और अन्य जनप्रतिनिधियों के निज सचिव के रूप में स्वयं की फर्जी पहचान बताता है। साथ ही वह पुलिस विभाग एवं अन्य विभागों में पदस्थ कर्मचारियों के स्थानान्तरण के नाम पर जाली दस्तावेज बनाकर फर्जी सिम से स्थानांतरण का मैसेज भेजता था।
केंद्रीय मंत्री का निजी सचिव बताया
पुष्पेन्द्र दीक्षित(शर्मा) ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और विशेष पुलिस महानिदेशक(प्रशासन) को भी केन्द्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह का निजी सचिव जयकिशन बनकर तथा फर्जी सिम से निरीक्षक स्तर के अधिकारी विनय यादव की पदस्थापना जिला शिवपुरी से जिला भिण्ड और पंकज त्यागी की पदस्थापना जिला गुना से जिला ग्वालियर करने के मैसेज भेजे गए। आरोपी पुष्पेन्द्र दीक्षित(शर्मा) ने केंद्रीय मंत्री के नाम पर स्वयं को उनका निजी सचिव बताकर इन दोनों निरीक्षकों के स्थानान्तरण की स्थिति का फॉलोअप भी करने की कोशिश की।
आरोपी से जब्त मशरूका
पुलिस ने पुष्पेन्द्र दीक्षित(शर्मा) से 5 मोबाइल, 1 लाख रुपए नकद, कई आधार कार्ड एवं अन्य विभागों के लिए बनाए गए पत्र व दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पुष्पेन्द्र दीक्षित(शर्मा) पर ग्वालियर के क्राइम ब्रांच थाने में बीएनएस और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया है, आरोपी पूछताछ जारी है।
आरोपी के खिलाफ पहले भी हुई कार्रवाई
साल 2016 के दिसंबर माह में आरोपी ने तत्कालीन केन्द्रीय विदेश मंत्री के कार्यालय के माध्यम से अर्द्धशासकीय पत्र भेज कर महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल कार्यालय नई दिल्ली के बीएसएफ के कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए पत्र भेजा गया था। यह पत्र कूटरचित ( स्टाम्प की नकल ) लगा। दक्षिण दिल्ली के लोधी कॉलोनी थाना पुलिस स्टेशन में भादवि की विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना के पश्चात उसे सक्षम न्यायालय में भी पेश किया गया था।
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