एमपी के सरकारी इंजीनियरों को देना होगा एग्जाम, PWD फिर से पढ़ाएगा कंस्ट्रक्शन नियम

भोपाल ROB विवाद के बाद MP में PWD इंजीनियरों के लिए विभाग ने फिर से पढ़ाई करने का नियम बनाया है। पढ़ाई के साथ परीक्षा भी देनी होगी, नंबर के आधार पर ही अब फील्ड पोस्टिंग तय होगी।

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Rohit Sahu
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एमपी में कई सरकारी निर्माण कामों में लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। हाल में भोपाल के 90 डिग्री टर्न वाले ROB ने सरकारी इंजीनियरिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने  इंजीनियरों की पढ़ाई और जिम्मेदारियों में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। अब इंजीनियरों को कंस्ट्रक्शन के तकनीकी नियम दोबारा पढ़ने होंगे और उन्हें परीक्षा भी देनी होगी। इसी परीक्षा में लाए नंबरों से ही उन्हें पोस्टिंग मिलेगी।

कौन कहां कंस्ट्रक्शन करेगा सब नंबर से होगा तय

इस फैसले की वजह से प्रदेश भर के इंजीनियरों की कार्यशैली और जिम्मेदारी पर सीधा असर पड़ेगा। विभाग ने तय किया है कि परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही उन्हें फील्ड पोस्टिंग दी जाएगी। साथ ही निर्माण कार्यों की निगरानी और जिम्मेदारियों का निर्धारण भी इन्हीं नंबरों पर आधारित होगा।

ROB और Z ब्रिज पर उठे सवाल

भोपाल में बना 90 डिग्री का टर्न वाला रेलवे ओवरब्रिज (ROB) चर्चा का विषय बना हुआ है। इंदौर में भी Z आकार का ब्रिज तैयार हो रहा है। इसके अलावा कई जिलों में भी सड़कों, पुलों और भवनों के निर्माण में मानकों की अनदेखी सामने आ चुकी है। इन तमाम गड़बड़ियों के चलते अब विभाग ने इंजीनियरों की तकनीकी योग्यता पर ध्यान देने का फैसला लिया है।

ऐसे समझें पूरी खबर

  1. PWD इंजीनियरों को अब कंस्ट्रक्शन नियमों की पढ़ाई करनी होगी।

  2. 15 अगस्त के बाद इंजीनियरों की विभागीय परीक्षा आयोजित की जाएगी।

  3. फील्ड पोस्टिंग और जिम्मेदारी परीक्षा में मिले नंबर से तय होंगी।

  4. IRC, NBC और BIS कोड का अध्ययन अनिवार्य होगा।

  5. ROB और ब्रिज निर्माण में गड़बड़ियों के बाद लिया गया ये निर्णय।

EE, AE, SE को देनी होगी परीक्षा

PWD ने स्पष्ट किया है कि कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) सहायक यंत्री (Assistant Engineer) और उपयंत्री (Sub Engineer) को परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा 15 अगस्त 2025 के बाद आयोजित की जाएगी।

परीक्षा से पहले सभी इंजीनियरों को एक निर्धारित स्टडी मटेरियल पढ़ना होगा। मूल्यांकन के बाद ही उन्हें फील्ड जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं चीफ इंजीनियर और सुपरिटेंडिंग इंजीनियर को केवल अध्ययन करना होगा, उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा।

इंजीनियरों को क्या-क्या पढ़ना होगा?

इंजीनियरों को Indian Road Congress (IRC), National Building Code (NBC) और BIS Code का
पुनः अध्ययन करना अनिवार्य किया गया है। PWD प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में हो रहे निर्माण कार्यों की क्वालिटी और ड्यूरेबिलिटी (टिकाऊपन) बनी रहे, इसलिए यह फैसला जरूरी है। सभी इंजीनियरों को स्टडी मटेरियल 15 अगस्त तक पूरा करना होगा ताकि भविष्य के कंस्ट्रक्शन कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।

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