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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में सड़कें बदहाल हैं। बारिश के बाद कई जगह से सड़कों की बदहाली की तस्वीर सामने आईं। मध्य प्रदेश सरकार के PWD मंत्री से जब सड़कों के गड्ढों को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंन बेतुका और गैरजिम्मेदारी भरा बयान दिया। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे भी रहेंगे ही।
गड्ढे होना नेचुरल है:मंत्री राकेश सिंह
इधर प्रदेश की जनता बारिश के बाद सड़कों पर उभरते गड्ढों से परेशान हो रही है। इसी बीच PWD मंत्री राकेश सिंह ने गड्ढों को होने को नेचुरल बता दिया। उन्होंने दावा किया कि पूरी अभी ऐसी तकनीक ही नहीं बनी है जिससे ऐसी सड़क बन सके कि उसमें गड्ढा न हो। विभाग के पास भी ऐसी तकनीक नहीं है जो सड़कों को हमेशा के लिए गड्ढामुक्त बना सके।
मंत्रीजी ने अपनी जिम्मेदारी से हाथ झाड़ते हुए कहा कि बताइए कौन सा राज्य है जहां बारिश में गड्ढे नहीं बनते? यहां तक कि अमेरिका, जापान जैसे तकनीकी महाशक्तियों को भी मंत्रीजी ने गड्ढों की कतार में खड़ा कर दिया। राकेश सिंह ने कहा कि विकसित देशों में सड़कों में गड्ढे होते हैं।
"जब तक सड़कें रहेंगी तब तक गड्डे होते रहेंगे."- मध्य प्रदेश के PWD मंत्री राकेश सिंह
— TheSootr (@TheSootr) July 10, 2025
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विभाग की परेशानी गिनाईं
राकेश सिंह ने कहा कि भारी बारिश और असामान्य ट्रैफिक की वजह से गड्ढे बनना स्वाभाविक है। लोगों की उम्मीदें चाहे कुछ भी हों, नेचर और बढ़ते यातायात के आगे विभाग मजबूर है। उन्होंने जनता को समझाने की कोशिश की कि सड़कें बनाना सरल है, लेकिन उन्हें गड्ढा-मुक्त रखना वैज्ञानिक चमत्कार जैसा है।
ऐसे समझिए पूरी खबर
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मंत्री राकेश सिंह बोले जब तक सड़कें रहेंगी, गड्ढे भी रहेंगे, ये प्राकृतिक प्रक्रिया है।
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दुनिया में ऐसी कोई तकनीक नहीं जो सड़क को हमेशा गड्ढामुक्त रख सके।
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भोपाल-इंदौर के ब्रिज 90 नहीं, 119 और 114 डिग्री के हैं, सुरक्षा मानकों का पालन किया गया।
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निर्माणाधीन और पुराने पुलों की जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी।
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अब लोकल डामर नहीं खरीदा जाएगा, और हर वायरल वीडियो पर सड़क बनाना संभव नहीं।
90 डिग्री वाले ब्रिज पर भी मंत्री जी ने दी सफाई
भोपाल में बनाए गए 90 डिग्री ब्रिज को लेकर उठे सवालों पर भी मंत्रीजी ने जवाब दिया। भोपाल का ब्रिज असल में 90 नहीं, 119 डिग्री का उन्होंने कहा कि ऐसे मोड़ और पुल देशभर में मिलते हैं, और सेफ्टी स्टैंडर्ड जैसे 20 मीटर टर्निंग रेडियस और 20 किमी प्रति घंटा स्पीड लिमिट का ध्यान रखा गया है।
MP के सभी निर्माणाधीन और पुराने पुलों की होगी जांच
PWD मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में बन रहे सभी पुलों की स्थिति का जायजा लिया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाएगी। टीम निर्माणाधीन पुल और पुराने पुलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। यदि किसी पुल को लेकर संदेह या शिकायत सामने आती है, तो उस पुल की विशेष रूप से समिति द्वारा जांच कराई जाएगी।
लोकस स्तर पर डामर नहीं खरीदेगा विभाग
मंत्री राकेश सिंह ने सड़कों की क्वालिटी सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने का भी ऐलान किया। पीडब्ल्यूडी ने यह तय किया है कि अब सड़कों के निर्माण में उपयोग होने वाला बिटुमिन (डामर) लोकल स्तर पर नहीं खरीदा जाएगा। केवल भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से ही बिटुमिन खरीदी जाएगी, जो क्वालिटी के हिसाब से ज्यादा भरोसेमंद हैं।
सड़कों के लिए बजट की सीमाएं
सड़कों की गुणवत्ता और उनकी मरम्मत को लेकर सीधी जिले की लीला साहू द्वारा वायरल किए गए वीडियो पर मंत्री ने प्रतिक्रिया दी। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि पीडब्ल्यूडी या किसी भी विभाग के पास इतना बजट नहीं होता कि हर सोशल मीडिया पोस्ट पर सड़क बनाने के लिए डंपर या सीमेंट लेकर पहुंच जाएं। सड़क निर्माण की एक तय प्रक्रिया और बजट सीमा होती है, जिसके तहत ही काम किया जाता है।
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