BHOPAL. मध्य प्रदेश के राजगढ़ में नर्सिंग कॉलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में बतौर अतिथि बुलाए गए जिला पंचायत अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रदेश महासचिव चंदर सिंह सोंधिया भड़क उठे। शिलापट्टी पर अपना नाम नहीं दिखने पर चंदर सिंह सोंधिया जमकर बिफर गए। उन्होंने कार्यक्रम में ही अधिकारी को फटकारा लगाते हुए उन्हें नालायक कह डाला। इसके बाद वह मंच के सामने ही जमीन पर बैठ गए।
गुस्से से तिलमिलाए और जमीन पर बैठ गए
दरअसल, मंगलवार को राजगढ़ जिला अस्पताल में धन्वंतरि जयंती पर 12 हजार 850 करोड़ की चल रही स्वास्थ्य परियोजनाओं का लोकार्पण समेत अन्य परियोजनाओं का भूमिपूजन होना था। जिला अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष चंदर सिंह बतौर अतिथि शामिल होने पहुंचे थे, जब उन्हें लोकार्पण के लिए बनवाई गई शिलापट्टी पर राज्यमंत्री सहित स्थानीय मंडल अध्यक्ष के नाम दिखे लेकिन आमंत्रित अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम नहीं था, अपना नाम नजर नहीं आया तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इसके बाद वह मंच सामने ही जमीन पर बैठ गए।
अधिकारी को लगाई फटकार, कहा नालायक
नाराज अध्यक्ष चंदर सिंह सोंधिया ने मौके पर मौजूद अधिकारी को जमकर सुनाई और उन्हें नालायक तक कह डाला, इतना ही नहीं... वे नाराज होकर जमीन पर ही बैठ गए। गुस्से में अधिकारी से पूछा कि जिला पंचायत अध्यक्ष का कुछ ओहदा होता है या नहीं। आगे कहा कि हर जगह अपमान अपमान... विपक्ष के हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप हर जगह अपमानित करोगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों के साथ भेदभाव होता है। जिसके बाद राज्यमंत्री गौतम टेटवाल और कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा आए और चंदर सिंह सोंधिया को मनाया, हाथ पकड़कर उन्हें मंच पर ले गए। अब सोशल मीडिया पर जिला पंचायत अध्यक्ष की नाराजगी का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
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https://forms.gle/AEBP7ENcdgvH8Npt8
जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं दिखाई गंभीरता
इस कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष चंदर सिंह सोंधिया को बतौर अतिथि बुलाया गया था, लेकिन उनका शिलालेख पट्टी और प्रोटोकॉल के तहत स्थान पर लिखा नहीं गया। इसको लेकर शासकीय कार्यक्रम का आयोजन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। अपना नाम नहीं होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष चंदर सिंह सोंधिया जमकर नाराज हो गए।
मध्य प्रदेश में 2 दशक से ज्यादा समय से बीजेपी सत्ता पर काबिज है। उसने जनता के चुने हुए कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को बीजेपी कार्यकर्ताओं से भी निचली लिस्ट में शामिल कर लिया है। ऐसे मामले एक-दो नहीं बल्कि पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं। सरकारी कार्यक्रमों में कांग्रेस के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बेइज्जत किया जाता है। प्रोटोकॉल के तहत उनका नाम लिस्ट में भी नहीं रखा जाता है।
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