लोकायुक्त की गिरफ्त में रिश्वतखोर क्लर्क, जानें क्यों मांगी थी घूस

मध्य प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। घूस लेने वालों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई भी जारी है। रीवा में लोकायुक्त ने कलेक्टर कार्यालय के बाबू को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। जानें क्यों मांगी घूस

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Vikram Jain
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MP Rewa Collectorate clerk Bribe taking arrested
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BHOPAL. मध्य प्रदेश में भ्रष्ट और रिश्वतखोर अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त का एक्शन जारी है। ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद लोकायुक्त ने कई रिश्वतखोरों की गिरफ्तारी भी की हैं। इसके बाद भी अधिकारी और कर्मचारी सबक नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला रीवा से सामने आया है। जहां रीवा लोकायुक्त की टीम ने कलेक्टर कार्यालय  में भू- अर्जन शाखा के क्लर्क को एक हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। क्लर्क ने मुआवजा राशि के एवज में रिश्वत की डिमांड की थी।

मुआवजा स्वीकृति के बदले मांगी रिश्वत

लोकायुक्त एएसपी प्रवीण सिंह ने बताया कि जौरौट थाना मनगंवा निवासी सुनील पांडेय पिता श्याम सुंदर पांडेय लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता सुनील पांडेय ने बताया कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में भू-अर्जन शाखा में पदस्थ लिपिक सहायक ग्रेड 3 हीरामणि तिवारी ने उसकी जमीन की मुआवजा अवॉर्ड राशि 2 लाख 62 हजार 99 रूपए स्वीकृत कराने के एवज में रिश्वत मांगी थी। इसके बाद मंगलवार को पुलिस अधीक्षक के निर्देश में टीम गठित की गई।

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लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने दी दबिश

मामले की शिकायत के बाद रीवा लोकायुक्त पुलिस ने मामले में सत्यापन कराया गया तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद लोकायुक्त एएसपी प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम ने क्लर्क को ट्रैप किया। कलेक्ट्रेट कार्यालय में जैसे ही सुनील पांडेय से क्लर्क हीरामणि तिवारी ने रिश्वत के एक हजार रुपए लिए तो लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

सुनील पांडेय की शिकायत पर कार्रवाई

शिकायतकर्ता सुनील पांडेय के मुताबिक उसे मुआवजा पहले मिल जाना था लेकिन मामला 2017 से अटका हुआ है। मामले को लेकर कलेक्टर से पास गया था। जिसके बाद कलेक्टर ने भू-अर्जन अधिकारी के पास भेजा। जिसके बाद भू अर्जन विभाग के क्लर्क ने काम के एवज में पैसों की डिमांड की थी। इसके लिए 15 सौ रूपए पहले ही दे दिए थे। और पैसे नहीं दिए तो काम को लटका कर रखा। जिसके बाद मजबूर होकर लोकायुक्त   पुलिस से शिकायत की। बताया गया कि रिश्वत नहीं मिलने के कारण यह मामला आरोपी क्लर्क के पास 25 सितंबर 2024 से लंबित था।

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