सागर में जैन समाज और भाग्योदय तीर्थ क्षेत्र के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल मुनि संघ जबलपुर तिराहे पर अनशन पर बैठ गए थे। मामले में 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला शांत नहीं हुआ था और सागर में ब्रह्मचारिणी दीदी से मारपीट की घटना सामने आ गई। हालांकि, इस घटना में दोनों पक्षों ने मारपीट का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। पुलिस ने दोनों पक्षों को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया है।
जैन समाज का चल रहा है चातुर्मास
इन दिनों सागर में जैन समाज के संतों और राष्ट्रीय स्तर के निर्यापक मुनियों का चातुर्मास चल रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक भाग्योदय तीर्थ में रविवार को जैन मुनि की आहारचर्या के दौरान विवाद हुआ है। जैन समाज की ब्रह्मचारिणी आरती दीदी ने जो घटना बताई है उसमें मुनिश्री के आहार के दौरान हाथ हटाने की बात को लेकर विवाद हुआ था। इधर दूसरा पक्ष भी थाने पहुंचा और घटना की अलग कहानी सुना रहा है।
जैन समाज में चातुर्मास का क्या महत्व
चातुर्मास में ही जैन धर्म का प्रमुख पर्व 'पर्युषण' मनाया जाता है। इस पर्व की मान्यता यह है कि, जो लोग पूरे साल भर परंपरा, व्रत आदि नियमों का पालन नहीं कर पाते वे चातुर्मास में पड़ने वाले पर्युषण पर्व में 8 दिनों तक रात्रि भोजन का त्याग करते हैं। ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करते हैं।
मामले में जांच करा रहे हैं
मोतीनगर थाना प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि भाग्योदय में दो पक्षों में मारपीट हुई है। मामले में एमएलसी करा रहे हैं। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
पहले जैन मुनिश्री से हो चुकी है अभद्रता
छतरपुर के घुवारा में चातुर्मास कर रहे जैन मुनिश्री विश्रांत सागर महाराज (Jain Munishree Vishrant Sagar Maharaj ) से जैन समाज के ही एक परिवार ने अभद्रता की थी। इस मामले में बताया गया कि जैन परिवार की बेटी के लापता होने के बाद जैन परिवार (Jain family ) ने मुनिश्री से जानकारी चाही थी, उन्होंने असमर्थता जताई तो परिजन मुनिश्री से ही अभद्रता करते हुए धक्कामुक्की। हालांकि, इस घटना के बाद जैन समाज के लोगों ने जबलपुर तिराहे पर अनशन पर प्रदर्शन किया था।
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