मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों के लिए स्कूल से गायब होना आसान नहीं होगा। 1 जुलाई 2025 से शिक्षकों को हर घंटे डिजिटल अटेंडेंस देनी होगी। नई व्यवस्था में स्कूल में समय पर पहुंचने के बाद केवल एक बार नहीं, बल्कि हर कक्षा के बाद फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से अटेंडेंस दर्ज करनी होगी।
नए पोर्टल से हर गतिविधि पर रहेगी नजर
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विकसित नवीन पोर्टल के माध्यम से अब शिक्षक अपने हर मूवमेंट की डिजिटल जानकारी देंगे। विद्यालय में एक घंटे के भीतर उपस्थिति दर्ज नहीं करने या आधे घंटे देर से पहुंचने पर आधा सीएल (CL) काटा जाएगा। सभी आवेदन जैसे छुट्टी, सैलरी बढ़ोतरी, पेंशन पेमेंट भी इसी पोर्टल से होंगे।
फेस स्कैन और लोकेशन से होगी ट्रैकिंग
अब शिक्षकों की उपस्थिति फेस रिकग्निशन (Face Recognition) तकनीक से ली जाएगी। 'सार्थक' नाम के इस ऐप पर शिक्षक का चेहरा और लोकेशन दोनों रिकॉर्ड होंगे। यह डेटा शिक्षा अधिकारियों के लैपटॉप और मोबाइल पर सीधा पहुंचेगा, जिससे शिक्षकों की हाजिरी को सही समय पर ट्रैक किया जा सकेगा।
देरी होने पर लगेगा आधे दिन का अवकाश
अगर कोई शिक्षक तय समय के बाद अटेंडेंस लगाएंगे तो आधे दिन का आकस्मिक अवकाश (कैजुअल लीव) स्वत: लागू हो जाएगा। इसे उनके सालाना 13 CL और 3 ऐच्छिक अवकाश में से एडजस्ट किया जाएगा। अनुपस्थित रहने की अवधि इसके बाद अवकाश अवधि में जोड़ी जाएगी।
अब स्टूडेंट्स की भी लगेगी डिजिटल हाजिरी
शिक्षकों के साथ अब छात्रों की उपस्थिति भी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके लिए एक नया सॉफ्टवेयर तैयार हो रहा है, जिससे छात्रों की वास्तविक हाजिरी का डेटा सुबह 11 बजे तक बोर्ड मुख्यालय तक पहुंच जाएगा। इस कदम से छात्रों की नियमितता पर भी नजर रखी जा सकेगी।
23 जून से शुरू हो रहा है पोर्टल 3.0 का ट्रायल
स्कूल शिक्षा विभाग 23 जून से 30 जून तक पोर्टल 3.0 का ट्रायल शुरू कर रहा है। इसमें उन क्षेत्रों में टेस्ट किया जाएगा जहां नेटवर्क की समस्या रहती है। इससे पहले शिक्षक 'शिक्षा मित्र' ऐप से अटेंडेंस दे रहे थे, लेकिन विरोध के चलते वह सिस्टम ज्यादा दिन नहीं चल पाया।
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