VIT यूनिवर्सिटी की छात्राओं के MMS लीक केस में होगी जांच, जानें मामला

सीहोर में VIT यूनिवर्सिटी की छात्राओं के नहाते समय का वीडियो वायरल मामले में राज्यपाल ने जांच के निर्देश दिए है। जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। साथ ही कमेटी अन्य आरोपों को लेकर भी जांच करेगी।

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Vikram Jain
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MP Sehore VIT University girl students MMS leak case Investigation committee formed
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मध्य प्रदेश में सीहोर की वीआईटी प्राइवेट यूनिवर्सिटी आष्टा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां यूनिवर्सिटी के छात्रावास की छात्राओं का नहाते हुए वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद छात्राएं मानसिक तनाव से गुजर रही हैं। मामले में कार्रवाई नहीं करते ही प्रबंधन ने छात्राओं को टीसी थमा दी थी। अब मामले में जांच के लिए राज्यपाल के निर्देश पर चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई। इसके साथ ही निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने यूनिवर्सिटी से जुड़ी कई गड़बड़ियां उजागर की हैं। आयोग ने कुलगुरु की नियुक्ति भी अयोग्य बताई है।

छात्रों ने लगाए सनसनीखेज आरोप

विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप है कि नहाते समय छात्राों के वीडियो बनाने और वायरल करने के मामले में प्रबंधन से शिकायत की थी, लेकिन प्रबंधन ने कार्रवाई नहीं करते हुए 74 छात्र-छात्राओं को संस्पेड कर दिया। 12 स्टूडेंट्स का स्थाई निलंबन और अन्य स्टूडेंट्स को 6 महीने और एक साल के लिए पढ़ाई से वंचित कर दिया गया है। मामले में ना तो कोई जांच कराई गई, ना ही किसी को नोटिस जारी किया गया। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स के पैसेंट्स को बुलाकर दवाब बनाया गया और छात्राओं का भविष्य खराब करने की धमकी दी गई। उन्हें टीसी भी पकड़ा दी गई। बीच सत्र में उनकी पढ़ाई छूट गई।

विश्वविद्यालय में अनियमितता उजागर

इधर, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने छात्र पंजीकरण (एडमिशन) की संख्या, शुल्क संरचना, हॉस्टल, कैटीन, संचालित पाठ्यक्रमों (संकाय) की मान्यता, और विभिन्न संकायों में एडमिशन के साथ-साथ फैकल्टी की नियुक्तियों में विश्वविद्यालय में कई अनियमितता उजागर की हैं। आयोग ने कुलगुरु की नियुक्ति को भी अयोग्य ठहराया है।

राज्यपाल के निर्देश पर जांच कमेटी का गठन

वीडियो वायरल मामले और गड़बड़ी उजागर को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल से विश्वविद्यालय की शिकायत की है। जिसके बाद राज्यपाल ने आयोग को मामले में जांच करने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। मामले में आयोग ने 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। साथ ही आयोग सचिव प्रो. केपी साहू ने मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

15 बिंदुओं पर जांच करेगी कमेटी

जांच के लिए बनाई गई कमेटी में हमीदिया कॉलेज के प्रो. अनिल शिवानी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। देवी अहिल्या विवि इंदौर की प्रो. संगीता जैन, एमबीएम कॉलेज भोपाल प्रो. संजय दीक्षित और भेरूलाल पाटीदार पीजी कॉलेज महू से प्रो. मनोहर दास सोमानी को कमेटी में शामिल किया गया है। यह 4 सदस्यों की कमेटी वीआईटी विवि में 15 बिंदुओं की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट आयोग में पेश करेगी।

आरोप है कि वीआईटी विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स के लिए पेयजल की पर्याप्त सुविधा नहीं है। स्टूडेंट्स को बाहर से पानी खरीदना पड़ता है। विरोध करने पर धमकी देकर सस्पेंड कर दिया जाता है। पेनल्टी भी लगाई जाती है। विवि में स्टूडेंट्स को मानसिक प्रताड़ना दी जाती है, जिसके कुछ आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं। यहां हनुमान चालीसा पढ़ने पर छात्रों पर जुमार्ना लगाया जाता है। उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है। जो धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। इन आरोपों को लेकर कमेटी जांच करेगी।

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