BHOPAL. मध्य प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए बटालियन बनाई जाएगी। मुख्ममंत्री मोहन यादव ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग की शौर्य संकल्प योजना में प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह बैगा, भारिया और सहरिया के लिए अलग से बटालियन (Tribal Battalion) गठित की जाएगी। साथ ही युवाओं को पुलिस, सेना और होमगार्ड में भर्ती कराने के लिए जरूरी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रोजगार और सेवा से जोड़ने के लिए PVTG बटालियन
सीएम मोहन यादव (CM mohan yadav) ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (Particularly vulnerable tribal group) के युवाओं को रोजगार और सेवा से जोड़ने के लिए PVTG बटालियन बनाने के निर्देश दिए हैं। मध्य प्रदेश में पीवीटीजी समूह में बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति आती हैं। इसी प्रकार आर्मड फोर्सेस में भर्ती के लिए प्रशिक्षण योजना में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के युवाओं को नेवी, आर्मी, एयरफोर्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, पुलिस, होमगार्ड और अन्य निजी सुरक्षा एजेंसियों में भर्ती कराने के लिए इन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए प्राधिकरण का गठन
जनजातीय कार्य विभाग में विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह (PVTG) की विकास योजनाओं के लिए संचालक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों के विकास के लिए योजना बनाने और इनका क्रियान्वयन करने के लिए एजेंसी भी कार्यरत है। यह एजेंसी योजनाओं की मॉनिटरिंग भी करती है। प्रदेश के 15 जिलों में एजेंसी का कार्यक्षेत्र हैं। विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए राज्य स्तरीय प्राधिकरण एजेंसियों का गठन भी किया गया है। हर प्राधिकरण में विशेष पिछड़ी जनजातीय वर्ग के व्यक्ति को अध्यक्ष और तीन अशासकीय सदस्यों को मनोनीत किया जाता है। इन जनजातियों के विकास के लिए योजना बनाने और योजनाओं का क्रियान्वयन करने के लिए प्रदेश में 11 प्राधिकरण काम कर रहे हैं।
बैगा विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 6 जिले मंडला, शहडोल, बालाघाट, उमरिया, डिंडोरी और अनूपपुर आते हैं। भारिया विकास प्राधिकरण में छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकासखंड के पातालकोट क्षेत्र के 12 गांव आते हैं। सहरिया विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 8 जिले ( श्योपुरकलां, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर और दतिया ) आते हैं।
हर महीने दी जा रही आहार अनुदान राशि
मध्यप्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों को राज्य सरकार से आहार अनुदान भी दिया जाता है। इन समूहों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों की महिला मुखिया के बैंक खाते में हर महीने 15 सौ रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। इस वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से 31 अगस्त 2024 तक 2 लाख 18 हजार 563 हितग्राहियों को कुल 180 करोड़ रुपए से ज्यादा आहार अनुदान राशि दी जा चुकी है।
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