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मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में जीरो ईयर की नौबत आ गई है। दरअसल यहां के दो हजार स्कूलों की पहली कक्षा में अभी तक एक भी बच्चे ने प्रवेश नहीं लिया है। लेकिन प्रवेश प्रक्रिया 1 अप्रैल से ही शुरू हो गई थी। साथ ही बच्चों की संख्या कम होने की वजह से अब तक पोर्टल पर डाटा भी अपडेट नहीं किया गया है।
पिछले साल 6 लाख बच्चों ने लिया प्रवेश
जानकारी के मुताबिक बीते साल सभी प्राइमरी स्कूल की पहली कक्षा में 6.94 लाख बच्चों ने प्रवेश लिया था। लेकिन इस बार ये आंकड़ा महज 3.5 लाख ही है। यानी इस साल 62% सीटें खाली हैं।
आपको बता दें कि ये स्थिति दो साल पहले से ही बननी शुरू हो गई थी। लेकिन अफसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया था। वर्ष 2021-22 में लगभग 9 लाख प्रवेश पहली कक्षा में हुए थे। वहीं वर्ष 2022-23 में ये घटकर 7.74 लाख और 2023-24 में 6.94 लाख रह गए थे।
प्राइमरी शिक्षा का स्तर टॉप टेन से नीचे
रिपोर्ट्स के मुताबिक मप्र में प्राइमरी शिक्षा का स्तर टॉप टेन से नीचे चला गया है। इसी के कारण अभिभावकों ने सरकारी स्कूल से दूरी बना ली है। इसे रोकने के लिए मप्र ने 2021-22 में 1464 प्री प्राइमरी स्कूल शुरू किए थे पर इनमें शिक्षकों की भर्ती ही नहीं की गई थी।
इसी के साथ एक बार फिर इस साल 3 हजार नए प्री प्राइमरी स्कूल खोलने की घोषणा कर दी गई है। हालांकि मप्र में 63 हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल हैं।
इन स्कूलों में 30% से कम प्रवेश
नरसिंहपुर 14.1%
सिवनी 19.4%
नर्मदापुरम 21.6%
बालाघाट 22.7%
सतना 23.3%
विदिशा 29.2%
नीमच 29.6%
इन हालातों को लेकर जब राज्य शिक्षा केंद्र के अफसरों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इसी के साथ उन्होंने बोला कि पोर्टल सितंबर तक अपडेट किए जाएंगे।
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