शिक्षक आंदोलन : शिक्षकों ने मांगी इच्छामृत्यु, वादा करके भूल गई मध्‍य प्रदेश सरकार

मध्‍य प्रदेश- बीते साल शिक्षक वर्ग 1 की चयन और पात्रता परीक्षा देने वाले शिक्षक नौकरी की मांग कर रहे हैं। वे शिक्षा विभाग द्वारा कम पदों पर भर्ती और घोषित पदों में बैकलॉग के पद शामिल करने का विरोध कर रहे हैं।

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Sandeep Kumar
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शिक्षक आंदोलन

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संजय शर्मा @ BHOPAL. पदवृद्धि की मांग कर रहे सैकड़ों बेरोजगारों ने राजधानी भोपाल में आंदोलन शुरू कर दिया है। गुरुवार को तेज धूप में अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ महिला अभ्यर्थी भी प्रदर्शन में शामिल हुईं। सालभर से पदवृद्धि की मांग कर रहे चयनित बेरोजगारों ने रानी कमलापति स्टेशन ( Rani Kamalapati Station ) से रैली निकाली। उन्होंने पहले बीजेपी कार्यालय और फिर डीपीआई के सामने भी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सीएम हाउस का घेराव करने आगे बढ़े तो पुलिस ने सख्ती दिखाकर उन्हें रोक दिया। इस दौरान चयनित शिक्षकों और अधिकारियों के बीच बहस भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने पदवृद्धि नहीं करने पर इच्छामृत्यु की अनुमति देने की मांग भी सरकार के सामने रखी है। 

शिक्षक कर रहे नौकरी की मांग

बीते साल शिक्षक वर्ग 1 की चयन और पात्रता परीक्षा देने वाले शिक्षक नौकरी की मांग कर रहे हैं। वे शिक्षा विभाग द्वारा कम पदों पर भर्ती और घोषित पदों में बैकलॉग के पद शामिल करने का विरोध कर रहे हैं। हजारों अभ्यर्थियों द्वारा चयन और पात्रता परीक्षा पास करने के बाद भी उन्हें साल भर से प्रतीक्षा सूची में रखने से नाराज बेरोजगार भर्ती के लिए आयु सीमा को भी मुद्दा बना रहे हैं। 

जमकर नारेबाजी के साथ किया प्रदर्शन

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बाहर प्रदेश भर से आए अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती पर सरकारी की बेरुखी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। यहां से रैली के रूप में बेरोजगारों की भीड़ बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंची। यहां सड़क पर बैठकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाकर नारेबाजी की। 

करीब आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक यहां प्रदर्शन चलता रहा। बेरोजगार शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवेश पालीवाल ने कहा सीएम डॉक्टर मोहन यादव सरकार के किसी भी मंत्री को बेरोजगारों की परवाह नहीं है। अब भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो बेरोजगार भूख हड़ताल पर बैठेंगे। सरकार जो व्यवहार कर रही है वह अनुचित है।  

पदवृद्धि नहीं की तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे

स्कूलों में शिक्षक नहीं है, पद खाली हैं लेकिन सरकार इन पदों पर भर्ती नहीं कर रही है। 12 साल में दो बार नाम मात्र के पदों पर भर्ती हुई थी लेकिन उससे ज्यादा शिक्षकों के पद सेवानिवृत्ति के चलते खाली हो गए हैं। मंत्री, जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ते इस वजह से उन्हें यहां की परेशानी पता नहीं है। यदि प्रदेश सरकार ने पदवृद्धि नहीं की तो वे आंदोलन लगातार जारी रखेंगे। जरूरत पड़ी तो चयनित शिक्षक भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे। 

तेज धूप में बच्चों के साथ प्रदर्शन में उतरीं महिलाएं

प्रदर्शनकारी बेरोजगारों ने बीजेपी कार्यालय सीएम हाउस की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। गिरफ्तारी की चेतावनी के बाद प्रदर्शनकारियों ने लोक शिक्षण संचालनालय तक मार्च निकाला। करीब ढाई किलोमीटर पैदल चलते हुए चयनित महिला अभ्यर्थी अपने छोटे-छोटे बिलखते बच्चों के साथ संचालनालय पहुंचीं। तेज धूप में पसीने से लथपथ प्रदर्शनकारियों ने लोक शिक्षण संचालनालय का घेराव कर नारेबाजी की। 

नहीं मानी सरकार तो पीएम से करेंगे शिकायत 

चयनित शिक्षकों ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चरमराई शिक्षा व्यवस्था का ठीकरा डीपीआई पर फोड़ा। उन्होंने कहा सरकार से सालभर से मांग कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टों में शिक्षकों को नौकरी देने का वादा किया था। लोकसभा चुनाव में भी सभी के सहयोग से बीजेपी सभी 29 सीटें जीत पाई है। डॉ.मोहन यादव की सरकार अब भी नहीं जागी तो बेरोजगार शिक्षक दिल्ली जाकर पीएम मोदी से शिकायत करेंगे।

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