BHOPAL. मध्यप्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों के लिए बाड़ा बनकर तैयार हो गया है। अभयारण्य में चीतों के रहवास और विकास की सभी अनुकूल व्यवस्थाएं हैं। यहां अफ्रीका से चीते आएंगे। इस पर अफ्रीका की टीम ने अपनी मुहर भी लगा दी है। अब सर्दी में ही चीतों की आमद गांधीसागर अभयारण्य में होगी। अधिकारियों ने बताया कि चीतों के लिए 8 क्वॉरंटीन बाड़े बनाए गए हैं, जिनमें चीतों को रखा जाएगा। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है। ( Madhya Pradesh Cheetahs )
आपको बता दें कि रावतभाटा के पास रावलीकुडी क्षेत्र में बाड़ा 64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। चीतों के लिए प्रति वर्ग किमी 20 वन्य प्राणी की जरूरत होती है। वर्तमान में प्रति वर्ग किलोमीटर 15 ही वन्य प्राणी हैं। 1250 वन्य प्राणी अभी तीन सेंचुरी से आना शेष हैं। उससे पहले बारिश में ही मानक के अनुसार प्रति वर्ग किलोमीटर 20 शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या हो जाएगी।
नामीबिया और अफ्रीका से लाए गए थे चीते
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर, 2022 को दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे। इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 8 चीते लाए गए। राजस्थान से सटे गांधीसागर में पहले चरण में दक्षिण अफ्रीका से 5-8 चीते लाए जाएंगे। इस मामले में गांधीसागर अभयारण्य के एसडीओ राजेश मंडवालिया का कहना है कि सर्दी में चीतों अफ्रीका से चीते अभयारण्य में लाए जाएंगे। उनके भोजन के लिए बारिश में अन्य अभयारण्यों से यहां शाकाहारी वन्यप्राणी लाए जाएंगे।
मध्यप्रदेश के सिर सजा है ताज
मध्यप्रदेश, देश का पहला ऐसा राज्य है जहां टाइगर भी हैं, चीता भी बसते हैं और तेंदुआ भी अच्छी खासी संख्या में हैं। आपको बता दें कि चीतों के घर कूनो नेशनल पार्क में किलकारी गूंज रही है। कूनो में गत महीनों में नन्हे शावकों का जन्म हुआ है। कूनो में अब 6 नर, 7 मादा और 7 शावक समेत करीब 20 चीते हैं।
तेंदुओं की संख्या में 47 फीसदी की बढ़ोतरी
देशभर में पांच साल में 1023 तेंदुए बढ़े हैं, इनमें से अकेले मध्यप्रदेश में 486 तेंदुए बढ़े हैं। यानी यहां 47 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी के साथ अब प्रदेश में 3907 हो गए हैं, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। यही नहीं, मध्यप्रदेश में 785 बाघ हैं। 2018 में हुई गणना में एमपी में 526 बाघ पाए गए थे।