शिक्षक ने ठेके पर दिया स्कूल, 3 साल से पढ़ाने नहीं आए, मिलती रही सैलरी

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां टीचर 3 साल से स्कूल ही नहीं आए, फिर भी हर महीने सैलरी मिल रही। मामले में ग्रामीणों ने ठेके पर स्कूल चलने का आरोप लगाया है।

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Vikram Jain
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MP Tikamgarh teacher not coming to school for 3 years Case
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BHOPAL. मध्य प्रदेश की सरकार सभी स्कूलों में नियमित टीचर होने के लाख दावे करे, लेकिन इन सब दावों के बीच सच्चाई कुछ और निकल कर आई है। टीकमगढ़ जिले के मरगुवा गांव में एक ऐसा स्कूल है जहां टीचर की पोस्टिंग तो की, लेकिन मास्टर जी तीन साल से स्कूल ही नहीं आए। उन्हें वेतन बराबर मिल रहा है। हैरानी की बात यह है कि मामले में ग्रामीणों ने कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन ( CM Helpline ) तक शिकायत की पर कोई असर नहीं हुआ।

पोस्टिंग के बाद से स्कूल नहीं आए मास्टर जी

हैरान करने वाला पूरा मामला जतारा ब्लॉक के मरगुवा गांव का है। यहां शासकीय प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक अरविंद सिंह दांगी की पोस्टिंग हुई है, लेकिन आज तक स्कूल नहीं आए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एक व्यक्ति को स्कूल संचालन का ठेका दे दिया। इतनी ही नहीं, उन्हें वेतन भी हर महीने मिल रहा है। इसको लेकर अधिकारियों को भी जानकारी है। 

शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं

ग्रामीणों की माने तो उन्होंने टीचर के स्कूल नहीं आने और स्कूल को ठेके पर देने का मामला उठाया। मामले में कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत में की गई। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की, लेकिन आज तक ना तो मास्टर जी स्कूल में आए.... ना ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।

टीचर ने दे दिया स्कूल चलाने का ठेका

गांव के हिमांशु ने बताया कि सागर निवासी शिक्षक अरविंद सिंह दांगी की पोस्टिंग 3 साल पहले हुई थी। वह स्कूल में प्रधानाध्यापक भी हैं, लेकिन वह तीन साल से स्कूल नहीं आए, उन्होंने गांव के ही पास का एक व्यक्ति को स्कूल चलाने का ठेका दे दिया है। वह व्यक्ति स्कूल में बच्चों को पढ़ाता है, स्कूल खोलता, 2 घंटे बाद बंद कर निकल जाता है।

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सर ने जान से मारने की दी धमकी

हिमांशु ने बताया कि इस मामले को लेकर टीचर अरविंद सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने जान से मारने की धमकी दी, गाली गलौज की। वे साथ ही कहते हैं कि मुझे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, तुम कुछ बिगाड़ नहीं सकते।

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पर आरोप

जतारा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एमपी खरे पर संरक्षण देने का आरोप लगा है। टीचर स्कूल नहीं जाते हैं लेकिन वेतन बराबर दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी इस खेल में शामिल हैं, वह कमीशन पर काम करते हैं। इधर मामले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही है। 

मामले में जांच के आदेश

मामले में टीकमगढ़ डीपीसी पीआर त्रिपाठी का कहना है कि सूचना मिलने के बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। शिक्षक द्वारा 3 साल से स्कूल ठेके पर देने को लेकर उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है। जो इस मामले की जांच करेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मामले में शिक्षक अरविंद सिंह दांगी ने आरोप को गलत बताया है। उनका कहना हैं वह फिलहाल नागपुर में है, उनके पिता की तबीयत खराब है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बेवजह के आरोप लगा रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है।

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