BHOPAL. मध्य प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। काम करने के बदले लोगों से घूस मांगी जा रही हैं। इन भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई भी लगातार जारी है। उज्जैन में गुरुवार को लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जीएसटी कार्यालय (वाणिज्य कर विभाग) की दो महिला अधिकारियों को 3500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दोनों ने जीएसटी नंबर देने के नाम पर ठेकेदार से रिश्वत की मांग की थी।
ठेकेदार से मांगी थी रिश्वत
लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि तीन दिन पहले ठेकेदार दीपसिंह ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी कि भरतपुरी जीएसटी कार्यालय में जीएसटी के रजिस्ट्रेशन के नाम पर उनसे रिश्वत मांगी जा रही है। जिसके बाद लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने इस शिकायत की पुष्टि कराई को शिकायत सही पाई गई।
रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार
ठेकेदार की शिकायत के बाद लोकायुक्त की टीम गुरुवार को भरतपुरी क्षेत्र में स्थित जीएसटी कार्यालय पहुंची। लोकायुक्त टीम ने ट्रेप करते हुए वाणिज्य कर विभाग की विजया भिलाला राज्य कर निरीक्षक और किरण जोशी सहायक ग्रेड 3 को 3500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। मामले में दोनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई जारी है।
GST नंबर देने के नाम पर मांगे थे 6 हजार रुपए
जानकारी के अनुसार ठेकेदार दीपसिंह बुनकर की श्रीराधा कांट्रेक्टर नाम की फर्म है। दीपसिंह बुनकर ने वाणिज्य कर विभाग में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत लोकायुक्त से की थी। उन्होंने शिकायत में बताया कि जीआर कंपनी से सीमेंट गिट्टी का काम लिया है। काम पूरा होने पर कंपनी ने जीएसटी नंबर मांगा था, नंबर के लिए विभाग में 23 अगस्त को आवेदन किया था। जिसके बाद दोनों महिला अधिकारी जीएसटी नंबर देने के एवज में 6 हजार रुपए रिश्वत की मांग रही थी। यह दोनों एक माह से चक्कर लगवा रही थी। बाद में ये अधिकारी 3500 रुपए पर नंबर देने के लिए राजी हुई। इसके बाद लोकायुक्त में रिश्वतखोर महिला अधिकारियों की शिकायत की शिकायत कर दी।
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