BHOPAL. स्वच्छ शहर इंदौर को भिखारियों से मुक्त शहर बनाने के लिए प्रशासन ने शहर में भिक्षावृत्ति पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है। अब उज्जैन में भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए प्रशासन ने "मिशन स्माइल" अभियान शुरू किया है, जो इंदौर की तर्ज पर भिखारी मुक्त शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के तहत महाकाल थाना पुलिस ने मंगलवार को रामघाट इलाके से 25 भिखारियों की धरपकड़ की है। अब इस भिखारियों का पुनर्वास किया जाएगा।
भिक्षावृत्ति को जड़ से खत्म करने अभियान
उज्जैन जिला प्रशासन ने शहर में भिक्षावृत्ति को जड़ से खत्म करने के लिए इंदौर शहर की तर्ज कर अभियान शुरू किया है। जिला प्रशासन ने पुलिस की मदद से मिशन स्माइल चलाया है। यह अभियान पूरे शहर में चलेगा। मिशन स्माइल के तहत जिला प्रशासन ने भिखारियों के पुनर्वास की योजना है। साथ ही जो भिखारी अपने घर लौटना चाहते हैं, उन्हें भेजा जाएगा, लेकिन उज्जैन शहर में भीख नहीं मांगने दी जाएगी।
पुलिस ने भीख मांग रहे लोगों को पकड़ा
मिशन स्माइल अभियान के तहत अब प्रशासन की टीम ने पुलिस के सहयोग से एक्शन भी शुरू कर दिया है। मंगलवार को महाकाल थाना पुलिस ने शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर भीख कर रहे लोगों को पकड़ लिया। इसके लेकर कई भिखारियों ने विरोध किया और नाराजगी जताई, लेकिन पुलिस ने सभी को सख्ती से पुलिस की गाड़ी चढ़ाया। महाकाल पुलिस ने शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर भिक्षावृत्ति कर रहे 25 लोगों को पकड़ा। इन्हें अस्थायी रूप से रेनबसैरा में रखा गया है।
रेनबसैरा में ठहराए गए भिखारी
महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने कार्रवाई को लेकर बताया कि कि शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर भिक्षावृत्ति कर रहे लोगों को पुलिस ने पकड़ा है। फिलहाल पुलिस ने इन भिक्षुकों को रेनबसैरा में ठहराया है। उनके स्थायी पुनर्वास के लिए सेवाधाम आश्रम से बातचीत चल रही है। उन्हें बेहतर जीवन देना ही इस अभियान का उद्देश्य है।
भिखारियों के पुनर्वास और रोजगार की योजना
अभियान को लेकर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि उज्जैन जिला प्रशासन मिशन स्माइल के तहत भीख मांगने वाले लोगों के पुनर्वास और रोजगार के लिए व्यवस्था बना रहे हैं। एनजीओ के सहयोग से भिक्षुकों को पुनर्वास के बाद रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इन लोगों रहने और भोजन की सुविधाएं की जाएंगी। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल रामघाट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शहर के अन्य हिस्सों में भी इसे व्यापक रूप से चलाया जाएगा। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ शहर की छवि को सुधारना नहीं, बल्कि भिक्षावृत्ति करने वालों के जीवन को नई दिशा देना भी है।
शहरी छवि सुधारने की दिशा में कदम
दरअसल, केंद्र सरकार के स्माइल प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन को एक साल पहले भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए चुना गया था। अब इंदौर के उदाहरण से प्रेरित होकर उज्जैन में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इससे पहले इंदौर को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने एक्शन लिया था। इसी कड़ी में कलेक्टर ने भीख मांगने वालों के साथ-साथ भीख देने वालों वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
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