BHOPAL. मध्य प्रदेश के उमरिया में जनता की समस्याओं पर गंभीरता नहीं दिखाने वाले अधिकारियों को कलेक्टर ने गजब की सजा दी है। कलेक्टर धरणेंद्र कुमार जैन ने लोगों की समस्या नहीं सुनने वाले अधिकारियों की दीपावली से पहले अक्टूबर की सैलरी रोक दी है। कलेक्टर ने 54 अधिकारियों का अक्टूबर महीने का वेतन रोकने के लिए आदेश दिए है।
जानें कलेक्टर ने क्यों की यह कार्रवाई
दरअसल, कलेक्टर धरणेंद्र कुमार जैन ने समय सीमा की बैठक में सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को ग्रेडिंग में सुधार (ए ग्रेड) के लिए निर्देशित किया गया था। इसके बाद संबंधित विभागों की ग्रेडिंग में सुधार नहीं आया। साथ ही अधिकारियों को इसके पहले कई बार सीएम हेल्पलाइन में मिली शिकायतों में संतोषजनक और समाधान कराने के लिए निर्देश दिए थे। इन अधिकारियों को लोगों की शिकायतों का समाधान कर संतुष्टिपूर्ण निराकरण करके बंद कराने के लिए निर्देशित किया जाता रहा है।
अधिकारियों ने नहीं दिखाई काम में गंभीरता
कलेक्टर के सक्त निर्देश के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने लंबित शिकायतों के निराकरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। अधिकारी ने आदेश की अनदेखी करते रहे। इसके चलते शिकायतें संतुष्टपूर्ण निराकरण कर बंद नहीं कराए जाने पर विभाग की प्रगति कम हुई है। जिसका प्रभाव जिले और विभाग की ग्रेडिंग पर पड़ा है। इसके चलते कलेक्टर ने जिले के 54 अधिकारियों का अक्टूबर का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है।
नहीं हो रहा शिकायतों का निराकरण
बताया जा रहा है कि उमरिया में अधिकारियों की मनमानी के कारण ग्रामीणों और पीड़ित लोगों को मजबूर होकर सीएम हेल्पलाइन का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन अधिकारी ग्रामीणों को धमकाकर उनका मोबाइल जबरन लेकर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें बंद करवाई जाती हैं। यही कारण है कि लोग फिर से शिकायत करते हैं, इसके बाद अधिकारी उसके निराकरण में रुचि नहीं दिखाते है। इसी कारण जिले की ग्रेडिंग घटती जाती है।
लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी उनकी शिकायतों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाते है। जिसके कारण उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। अब मामले में कलेक्टर ने सख्त तेवर दिखाते हुए 54 अधिकारियों की सैलरी रोकने के आदेश दिए है।
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