BHOPAL. मध्य प्रदेश में घूसखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़े एक्शन के बाद रिश्वतखोरी जारी है। बगैर पैसे लिए सरकारी महकमों में कोई नहीं होता हैं। ताजा मामला उमरिया जिले से सामने आया है। जहां भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी का कोई डर नहीं है। ये मजदूर वर्ग की महिलाओं से रिश्वत मांग लेते है। यहां पीएम आवास योजना में आवास दिलाने के नाम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगे है।
जानें पूरा मामला
पूरा मामला जनपद पंचायत मानपुर की ग्राम पंचायत अमरपुर का है। यहां महिलाओं से आरोप लगाया कि सरपंच और सचिव ने पीएम आवास योजना में आवास दिलाने के नाम पर 10-10 हजार रुपए लिए गए है। इसके बाद भी उसने और पैसों की मांग की गई। इतना ही नहीं उन्हें अपशब्द भी कहे। इसका खुलासा तब हुआ पीएम आवास योजना के लिए पात्र लाभार्थियों के चयन के लिए एक सभा रखी गई थी।
आवास दिलाने के लिए सचिव ने मांगे पैसे
दरअसल, ग्राम पंचायत अमरपुर के पंचायत भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े को लेकर एक सभा बुलाई गई थी। इस सभा में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे, खासकर महिलाएं अपना नाम शामिल होने की उम्मीद लेकर पहुंची थीं। लेकिन सभा के दौरान उस वक्त हंगामा हो गया। जब महिलाओं ने सरपंच और सचिव पर 10-10 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। साथ ही अपात्र हितग्राहियों को लाभ देने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने किया हंगामा, घेरा पंचायत भवन
महिलाओं ने कहा पीएम आवास योजना में आवास दिलाने के नाम पर हमसे पैसे मांगे गए। साथ ही अपशब्द कहे। इसके बाद हंगामा बढ़ते ही 200 ग्रामीणों ने पंचायत भवन का घेराव कर दिया। जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित महिलाएं सचिव के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं। इसके बाद मौका पाते ही भवन छोड़कर सरपंच और सहित भाग निकले।
पैसे लेने के बाद भी सूची से हटाया नाम
महिलाओं का आरोप है कि उन्होंने कई महीनों पहले पंचायत सचिव को 10-10 हजार रुपए दिए थे, इसके बाद भी उनका नाम हितग्राहियों की सूची से हटा दिया गया। महिलाओं का कहना है कि कोई किराए के घर में रह रहता है। तो कोई झोपड़ी में अपना जीवन यापन कर रहा है। ग्राम सचिव ने पैसे लेने के बाद भी उन्हें लाभ नहीं दिया। अब सचिव द्वारा फिर पैसे मांगे जा रहे है।
गांव की एक महिला ने बताया कि सचिव हमसे 10 हजार रुपए लिए थे लेकिन आवास सूची से नाम काट दिया। हमको लाड़ली बहना योजना का भी पैसा नहीं मिलता है। हम झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं।
हम गरीब कहां से देंगे पैसे
बांस का काम करने वाली महिला ने बताया कि उसके पास रहने के लिए घर नहीं है। घर को गिरे हुए दो साल हो गए है। बांस का काम करके बच्चों का पालन पोषण करते हैं। महिला ने कहा कि सचिव ने उससे 10 हजार रुपए ले लिए। अब फिर 5 हजार और मांगे जा रहे है। हम गरीब पैसे कहां से देंगे।
मामले में होगी जांच
मामले में अमरपुर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आवास योजना को लेकर शिकायत की है। मामले में सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ओहरिया ने कहा अगर ऐसा मामला है तो जांच कराई जाएगी। ऐसा नहीं होता नहीं है। योजना की लिस्टिंग और आवंटन प्रक्रिया पूरी तरह से पोर्टल पर आधारित है। सब कुछ पारदर्शी है और उसकी जांच होती है।
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