/sootr/media/media_files/2025/05/28/Nh3269iTWmHBBHbyRGds.jpg)
सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए विवादित बयान मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) को समय दिया है।
इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी। मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया के सामने पाकिस्तान पर भारतीय सेना की कार्रवाई की जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद यह मामला गंभीर हो गया।
SIT गठन को मिले थे आदेश
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला था। कोर्ट ने विजय शाह के माफीनामे को खारिज करते हुए मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाने के आदेश दिए थे।
हालांकि मंत्री विजय शाह को गिरफ्तारी से राहत दी गई थी। कोर्ट की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी भी गौर करने वाली थी। पहले हाईकोर्ट की फटकार और सुप्रीम कोर्ट के अविश्वास से मध्य प्रदेश के अफसरों की जांच पर सवालिया निशान लग गया था।
क्या है मामला?
मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया के सामने पाकिस्तान पर भारतीय सेना की कार्रवाई की जानकारी देने वाली सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान दिया था।
इस बयान के बाद विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी थी। मामले में हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के बाद FIR दर्ज हई।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह के माफीनामे को खारिज करते हुए कहा था कि "इस मामले में झूठे आंसू दिखाकर मंत्री को माफी नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने SIT बनाने के आदेश दिए हैं ,इस SIT में तीन IPS अधिकारी, जिनमें एक IG और बाकी दो SP लेवल के अफसरों को शामिल किया गया था। इनमें एक अधिकारी महिला को अनिवार्य रूप से शामिल करने के आदेश दिए गए थे। साथ ही यह भी साफ किया गया था कि सभी अफसर मध्य प्रदेश कैडर के हो सकते हैं, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं होने चाहिए।
MP पुलिस पर भरोसा कम होने के ये हो सकते हैं कारण
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच के लिए बनी SIT इस मामले पर बारीकी से जांच करेगी। इस एसआईटी में मध्य प्रदेश कैडर का अधिकारी हो सकता है लेकिन वह एमपी का मूल निवासी न हो। कोर्ट की यह टिप्पणी कई मामलों में महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस पूरे मामले के दौरान एमपी पुलिस ने कई लूप छोड़े।
मामले की कमजोर FIR
हाईकोर्ट के आदेश पर जब पुलिस ने FIR दर्ज की तो इसके अगले ही दिन सुनवाई में एमपी हाईकोर्ट ने कहा था कि FIR में धाराओं के अनुसार "एक्शन ऑफ सस्पेक्ट" की क्लिएरिटी नहीं है।
एफआईआर को ऐसा बनाया गया ताकि आसानी से रद्द की जा सके। कोर्ट ने FIR की भाषा पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा था कि मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत अपराध बनता है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को अपराध घोषित करता है।
FIR में श्री शब्द का उपयोग
कोर्ट ने ये भी कहा था कि MP पुलिस ने मंत्री विजय शाह के सम्मान का भी पूरा ख्याल रखा है। पुलिस ने अपनी एफआईआर में दो-दो बार 'श्री' लिखा है। ऐसे में कांग्रेस पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठा रही है। साथ ही कहा है था कि 24 घंटे से अधिक वक्त एफआईआर के बीत गए लेकिन उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है।
जांच में देरी हुई और जानकारी देने से इनकार किया गया
पुलिस ने मंत्री विजय शाह के बयान के मामले में जांच को तेज़ नहीं किया था। बयान का वीडियो 6 दिन बाद जब्त किया गया था, लेकिन उसे फॉरेंसिक जांच के लिए नहीं भेजा गया था।
इसके अलावा, मंच पर मौजूद जिम्मेदार व्यक्तियों से पूछताछ भी शुरू नहीं हुई थी। पुलिस ने केवल छापरिया के सरपंच और सचिव को बयान के लिए तलब किया था। पुलिस ने कहा कि मामला कोर्ट से जुड़ा हुआ था, इसलिए जांच की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।
अब क्या हुआ?
एसआईटी ने इस मामले की जांच की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की। कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच हुई और दोषी को सजा दिलाने की कोशिश की गई।
5 प्रमुख बिंदुओं में खबर समझिए
-
सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के माफीनामे को खारिज कर दिया था।
-
कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने के आदेश दिए थे।
-
एसआईटी में तीन आईपीएस अधिकारी थे, जिनमें एक आईजी और दो एसपी स्तर के अधिकारी शामिल थे।
-
सभी अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर के थे, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं थे।
-
एमपी के अधिकारियों पर भरोसा कम होने के कई कारण थे।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧
ध्यप्रदेश में मंत्री विजय शाह | col sofia qureshi | sofia qureshi | vijay shah sofiya qureshi | minister vijay shah slip tongue | vijay shah case | vijay shah controversy मध्यप्रदेश में मंत्री विजय शाह