व्यापमं घोटाले ( Vyapam Scam ) का जिन्न फिर बाहर आ गया है। अब जांच को लेकर सीबीआई ( CBI ) पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल व्यापमं के माध्यम से की गई 45 परिवहन आरक्षकों ( transport constables ) की भर्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनको निरस्त कर दिया गया था। आज 12 सालों बाद नियुक्तियों रद्द की गई हैं
कांग्रेस ने क्या कहा
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आरक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के निर्णय ने CBI की कार्यप्रणाली की विश्वसनीयता और व्यापमं के माध्यम हुई सभी 168 परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं, घोटालों-भ्रष्टाचार की पारदर्शी कही जाने वाली जांच पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। इसी के साथ कांग्रेस ने कहा कि अब पूरी CBI जांच हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में प्रारंभ करवाई जाए।
कांग्रेस ने क्या सवाल उठाए
कांग्रेस नेताओं ने व्यापमं घोटाले की जांच में सीबीआई ( CBI ) की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 1 लाख 47 हजार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले इस घोटाले में कई बड़े नामों के शामिल होने के बावजूद, असली दोषियों को क्यों नहीं पकड़ा गया। इसी के साथ कांग्रेस ने सीबीआई पर कई और सवाल भी उठाए है, जैसे व्यापमं घोटाले में शामिल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल , उनके बेटे, ओएसडी, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी और कई आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के नाम सामने आने के बावजूद उनसे सही तरीके से पूछताछ क्यों नहीं की गई।
केके मिश्रा ने किया ट्वीट
केके मिश्रा ने एक्स पर लिखा कि इतने बड़े घोटाले के बावजूद सीबीआई ने व्यापमं की तत्कालीन प्रमुख रंजना चौधरी और प्रदेश के मुखिया से पूछताछ क्यों नहीं की?
♦️*सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 12 सालों बाद 45 परिवहन आरक्षकों की रद्द नियुक्तियों ने समूचे व्यापमं महाघोटाले की जांच पर लगाये सवालिया निशान, सुप्रीम कोर्ट के ही निर्देश पर जांच करने वाली एजेंसी CBI ने क्या SC को भी धोखा दिया* ?
— KK Mishra (@KKMishraINC) September 26, 2024
♦️*कांग्रेस ने कहा-अब व्यापमं द्वारा हुई सभी…
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि व्यापमं घोटाले के जांच दल के पहले प्रमुख ने मध्यप्रदेश में अपने सहयोगी आईपीएस अधिकारी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री आवास में आधी रात को बैठक की थी, जो जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
पीएमटी परीक्षा घोटाले ( PMT Exam Scam ) के एक प्रमुख अधिकारी यूसी ऊपरीत ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वे हर नए चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( Medical Education Minister ) को 10 करोड़ रुपए पहुंचाते थे। कांग्रेस नेताओं ने पूछा कि ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद सीबीआई ने संबंधित चिकित्सा शिक्षा मंत्री से पूछताछ क्यों नहीं की?
इसी के साथ कांग्रेस ने कहा कि व्यापमं में 2008 तक के दस्तावेज नहीं होने का दावा सीबीआई ने भी किया, जबकि मप्र लोक सेवा आयोग ( MP Public Service Commission ) में आयोजित परीक्षाओं के दस्तावेज और उत्तर पुस्तिकाएं 10 सालों तक सुरक्षित रखी जाती हैं। ऐसे में व्यापमं के दस्तावेज किसके निर्देश पर और क्यों नष्ट किए गए? कांग्रेस ने कहा कि अब वह इस घोटाले की सभी परतों को फिर से उजागर करेगी और सच्चाई सामने लाएगी।
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